रांचीः रिम्स के कैदी वार्ड से दो कैदियों के फरार होने की वारदात के बाद रिम्स के कैदी वार्ड की सुरक्षा को और पुख्ता करने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसको लेकर मंगलवार को रांची एसएसपी किशोर कौशल खुद रिम्स अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने रिम्स कैदी वार्ड का निरीक्षण (Ranchi SSP inspects RIMS prisoner ward) किया और यहां की सुरक्षा की खामियों का जायजा लिया. एसएसपी ने तमाम खामियों को भी चिन्हित किया, जिसकी वजह से अक्सर कैदी फरार हो जाते हैं.
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जमकर लगी फटकार:निरीक्षण के दौरान जहां एक तरफ सीनियर एसपी ने कैदी वार्ड की सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश दिए. वहीं, दूसरी तरफ वैसे पुलिसकर्मी और अफसर जिनकी लापरवाही वजह से दोनों कैदी फरार हुए उन्हें जमकर फटकार लगाई. एसएसपी के द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अगर भविष्य में ऐसी घटनाएं होगी तो कार्रवाई और बड़ी होगी. दरअसल, रांची के रिम्स कैदी वार्ड से उग्रवादी अमित और अपराधी मसरूर आलम खान के फरार होने के समय सुरक्षा ड्यूटी में तैनात संतरी और पुलिसकर्मी सभी गायब थे. इलाज के लिए अमित और मसरूर आलम को साथ लेकर आए गुमला और हजारीबाग जिला बल के पांच पुलिसकर्मी भी उस समय कैदी वार्ड और बैरक में नहीं थे. घटना की रात एक अफसर और छह संतरी की तैनाती की गई थी. तैनात संतरी का हर दो घंटे में ड्यूटी बदलने का प्रावधान है. एक ड्यूटी में तैनात था, लेकिन बाकी भी गायब थे. इस रिपोर्ट को एसएसपी किशोर कौशल ने गंभीरता से लिया है. एसएसपी की ओर से रांची जिला बल से तैनात सभी संतरी को शोकॉज किया गया है. उनसे दो दिन के अंदर जवाब मांगा गया है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
- हर दिन कैदियों की गिनती कराकर उसकी रिपोर्ट सुरक्षा पदाधिकारी को भेजना है.
- रजिस्ट्रर में कैदियों का हर दिन का डिटेल अंकित करना है.
- व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर कैदियों की सारी जानकारी सुरक्षा पदाधिकारी को देनी है.
- एक साधारण कैदी में दो और उग्रवादी व कुख्यात अपराधियों में तीन पुलिसकर्मी की तैनाती करनी है.
- शिफ्ट वाइज पुलिसकर्मियों को ड्यूटी करनी है.
- तैनात सभी पुलिसकर्मियों को बैरक में रहना है