रांची:राजधानी रांची का तापमान चरम पर है. गर्मी से लोग परेशान हैं. इस भीषण गर्मी में जल स्तर भी नीचे चला गया है. रांची नगर निगम के लिए शहर में जलापूर्ति एक चुनौती बन गई है. नगरवासियों की जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल पा रहा है. इससे क्षेत्र में त्राहिमाम मचा हुआ है. वैसे इलाकों का हाल और भी बुरा है जो ड्राई जोन में आते हैं. ऐसे ही श्रेणी में राजधानी का वार्ड 28 आता है. ईटीवी भारत की टीम ने यहां की वस्तु स्थिति का जायजा लिया. जिसमें वृद्ध दंपती ने अपनी पीड़ा सुनाई. उन्होंने कहा कि मेरे यहां कोई पानी भरने वाला नहीं है. पानी की बहुत दिक्कत है. बोलते-बोलते उनके आंखों से आंसू छलक उठे.
'हमरा हीं पानी भरे वाला कोई ना हेया, बूढ़ा बूढ़ी दूगो ही, दिक्कत बहुत हे' छलके वृद्धा के आंसू, पढ़िए जलसंकट की इनसाइड स्टोरी - रांची नगर निगम वार्ड नंबर 28 जल की समस्या
वार्ड नंबर 28 के लोग पानी की किल्लत से जुझ रहे हैं. उन्हें प्रतिदिन की जरूरत का 50 प्रतिशत जल ही निगम उपलब्ध करा पाता है.
700 फीट नीचे बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं:वार्ड 28 की बात करें तो यहां पर वाटर लेवल सबसे ज्यादा नीचे जा चुका है. जिस वजह से डीप बोरिंग भी काम नहीं कर रहा है. पार्षद रश्मि चौधरी के प्रतिनिधि राहुल चौधरी ने बताया कि स्वर्णजयंती नगर, मधुकम के साथ-साथ वार्ड 28 के अन्य क्षेत्रों में पानी का लेवल नीचे चला गया है. यहां पर 700 फीट नीचे बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं आता है. इसलिए डीप बोरिंग भी वार्ड में कारगर नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां पाइप लाइन से प्रत्येक घरों में पानी की व्यवस्था करनी होगी. इसी से लोगों की समस्या का निजात होगा.
यहां जरूरत का 50 फीसद ही मिल पाता पानी:वार्ड में करीब 50 हजार की आबादी है. हर दिन इस क्षेत्र के लोगों को कम से कम 10 मिलियन गैलन पर डे की खपत है. लेकिन पूरे इलाके में पानी की आपूर्ति महज पांच एमजीडी ही हो पा रही है. लोगों ने बताया कि जरूरत का 50 प्रतिशत ही पानी उपलब्ध होता है. इसके लिए प्रतिदिन उन्हें मशक्कत करनी पड़ती है. ऐसे में निगम की तरफ से 30 से 35 एचवाईडीटी की बोरिंग लगाए गए हैं. पीएचईडी की तरफ से एक जल मीनार भी लगाया गया है, जो नाकाफी साबित हो रहे हैं.
जल समस्या पर क्या कहते हैं वार्ड 28 के लोग:वहीं, ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने जानकारी दी कि पूरी रांची में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत इसी वार्ड में है. पानी की परेशानी की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. सुबह उठते ही मोहल्ले में पानी नहीं रहता. इस वजह से बच्चों को नहाने और अन्य कामों के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता जिसके कारण स्कूल जाने में दिक्कत होती है.
गर्मी की तपिश से सूख चुके नदी और तालाब:राजधानी में बढ़ती गर्मी का असर केवल लोगों पर ही नहीं पड़ रहा है. बल्कि इसका असर पेड़ पौधे के अलावा नदी तालाबों पर भी पड़ रहा है. हरमू में बहने वाली नदी और तालाब भी पूरी तरह से सूख गए हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि एक वक्त हुआ करता था जब हरमू नदी जल से भरपूर था. लोग अपने दैनिक काम यहां के पानी से ही करते थे. इन सूखे तालाबों में बच्चे अब किक्रेट और फुटबॉल का आनंद उठा रहे है.