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पीसीआर और टाइगर की शुरू हुई ई मॉनिटरिंग, अब निगरानी में होंगे कानून के रखवाले - रांची न्यूज

रांची पुलिस और स्मार्ट हो गई है. पुलिस की गाड़ियों की ई-मॉनिटरिंग शुरू हो गई है. रांची के सभी 45 पीसीआर, 70 पेट्रोलिंग गाड़ी और 40 बाइक दस्ते की जीपीएस सिस्टम से निगरानी की जा रही है.

Ranchi Police vehicles Monitoring with GPS system
Ranchi Police vehicles Monitoring with GPS system

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Published : Jul 26, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Jul 26, 2022, 4:34 PM IST

रांची: राजधानी रांची में आम लोगों की सुरक्षा के लिए 45 पीसीआर, 70 पेट्रोलिंग गाड़ी, 40 बाइक दस्ते दिन रात ड्यूटी बजाते हैं लेकिन फिर भी आम लोगों की शिकायत होती है कि पुलिस सही समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाती है, या यूं कहें तो आम इंसान या धारणा ही बना चुका है कि पुलिस वारदात के बाद ही मौके पर पहुंचेगी. लेकिन अब राजधानी रांची में पुलिस के प्रति यह धारणा आपको बदलनी पड़ सकती है. क्योंकि पीसीआर और टाइगर मोबाइल के बाद अब राजधानी के सभी थानों के वाहनों को जीपीएस से जोड़ दिया गया है. अब यह वाहन किस समय में कहां पर रहेंगे इसकी निगरानी थानेदार से लेकर बड़े अधिकारी तक अपने मोबाइल में ही एक क्लिक पर जान लेंगे.


पुलिस की गाड़ियों की ई-मॉनिटरिंग:दरअसल, राजधानी के पुलिस नए कप्तान यानी एसएसपी किशोर कौशल चाहते हैं कि रांची पुलिस बेहतर परफॉर्म करे, सूचना पर त्वरित कर्रवाई के साथ साथ उनका मूवमेंट भी क्विक हो. इसके लिए सबसे पहले जिन पुलिसकर्मियों के कंधे पर शहर की निगरानी की जिम्मेदारी है उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है. इसके तहत रांची के सभी 45 पीसीआर, 70 पेट्रोलिंग गाड़ी और 40 बाइक दस्ते कुछ जीपीएस सिस्टम से अपडेट कर दिया गया है. वर्तमान समय में लगभग सभी, गस्ती वाहन, पीसीआर और टाइगर जवानों के पल-पल लोकेशन मिल रहे हैं.

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ऐप के जरिए होगी मॉनिटरिंग:जिले के सभी डीएसपी और थानेदार के मोबाइल में एक ऐप इंस्टॉल कर दिया गया है जिससे उनके क्षेत्र के पीसीआर गस्ती गाड़ियां और टाइगर मोबाइल की लाइव लोकेशन 24 घंटे तक मिलती रहेगी. यही नहीं यदि कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी देखना चाहे कि रात में कौन कहां था इसकी जानकारी भी थानेदार को मिल जाएगी. इसके लिए सभी थानेदारों के मोबाइल में ऐप इंस्टॉल कर दिया गया है. एप को चलाने के लिए बकायदा उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई है. इस ऐप के जरिए यह भी पता चल सकेगा कि कौन सी थाना की गाड़ी कितनी स्पीड में चल रही है 24 घंटे में कितने किलोमीटर तक चली.

थाना के वाहन और हाइवे पेट्रोल को जीपीएस से जोड़ा गया:पीसीआर और टाइगर मोबाइल को जीपीएस से युक्त करने के बाद अब राजधानी में थाना के वाहनों और हाईवे पेट्रोल को भी जीपीएस से जोड़ दिया गया है. थाना के वाहन के जीपीएस से जुड़ने से वे हमेशा लोकेशन में रहेंगे. वहीं हाईवे पेट्रोल भी अपने गंतव्य पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं या नहीं इसकी सटीक जानकारी मिल रही.


झूठ नहीं बोल पाएंगे अधिकारी:आमतौर पर लोगों की शिकायत होती है कि पुलिस को सूचना देने के बाद पुलिस घंटों देर से वारदात स्थल पर पहुंचती है. ऐसे में अब चूकि थाना के वाहन में जीपीएस लग गए, तब पुलिस की लेटलतीफी भी काफी हद तक कम होगी, क्योंकि वारदात स्थल से आने वाली जानकारी का समय और उस दौरान थाना के वाहन का ओरिजिनल लोकेशन अधिकारी आराम से जान सकते हैं, अगर इसमें लापरवाही बरती जाएगी तो दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे में पुलिस वाले यह बहाना नहीं बना सकते हैं कि उन्हें देर से जानकारी मिली इसलिए वे घटनास्थल पर लेट से पहुंचे.


पेट्रोल-डीजल की चोरी रुकेगी:पुलिस विभाग में आमतौर पर एक शिकायत लगातार सामने आती रहती है की पीसीआर या फिर थाना के वाहन चलाने वाले ड्राइवर डीजल या पेट्रोल गायब कर देते हैं. लेकिन जीपीएस सिस्टम से जुड़ जाने के बाद पेट्रोल और डीजल चोरी के मामले ना के बराबर आने की संभावना है.

Last Updated : Jul 26, 2022, 4:34 PM IST

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