रांचीः जमीन घोटाला मामले में रांची पुलिस भी अपनी जांच को लेकर रेस है. सदर थाने में दर्ज मामले को लेकर पुलिस के द्वारा झारखंड के बड़े कारोबारी विष्णु अग्रवाल और बड़गाई अंचल के सीआई भानु से पूछताछ की गई है. विष्णु अग्रवाल से रिम्स में जबकि भानु से जेल में पूछताछ हुई है.
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न्यायिक हिरासत में हैं विष्णु अग्रवालःजमीन घोटाला मामले में ईडी ने विष्णु अग्रवाल और भानु दोनो को ही गिरफ्तार किया है. विष्णु अग्रवाल जेल में बीमार होने के बाद वर्तमान में न्यायिक हिरासत में रिम्स में भर्ती हैं. जबकि भानु जेल में हैं. रांची पुलिस से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रांची के सदर थाने की पुलिस ने रिम्स में भर्ती कारोबारी विष्णु अग्रवाल और जेल में बंद बड़गाईं अंचल के सीआई भानु प्रताप से पूछताछ की, मामले के अनुसंधानक ने दोनों से सेना की जमीन घोटाले को लेकर जरूरी पूछताछ की है.
इस क्रम में सीआई भानु से उस भूखंड का म्युटेशन किए जाने के आधार को लेकर काफी देर तक गहरायी से पूछताछ की गई. साथ ही भानु के आवास से जब्त किए जमीन के कागजातों के बारे में भी पूछताछ की गई. वहीं आईओ ने रिम्स में इलाज के लिए भर्ती कारोबारी विष्णु अग्रवाल से भी सेना की जमीन की खरीदारी किए जाने के संबंध में भी जानकारी ली. पूछताछ के दौरान कारोबारी और सीआई से जमीन घोटाला के संबंध में कई अहम जानकारी मिली है. इस आधार पर पुलिस मामले में अब आगे की कार्रवाई करेगी. गौरतलब है कि सदर थाना में दर्ज मामले को लेकर ही पुलिस अपने स्तर से मामले का अनुसंधान कर रही है.
सदर में दर्ज हुआ था भानु पर एफआईआरःईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए भानु प्रताप पर रांची के सदर थाने में भी प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी. जमीन घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के केस में आरोपी राजस्व उपनिरीक्षक भानू प्रताप प्रसाद पर नए सिरे से रांची पुलिस ने केस दर्ज किया था. 13 अप्रैल को ईडी की टीम ने जब भानू के निजी आवास पर छापेमारी की थी, तब भारी मात्रा में सरकारी दस्तावेज बरामद किए गए थे. इस मामले में बड़गाईं सीओ मनोज कुमार के बयान पर भानू प्रताप प्रसाद के खिलाफ केस संख्या 272/23 दर्ज किया गया था.
एफआईआर के मुताबिक, भानु के आवास से 11 ट्रंक डीड पाए गए थे, ये सारे डीड भी कार्यालय के थे. सीओ मनोज कुमार ने इस मामले में सदर पुलिस को दिए आवेदन में संगत धाराओं के तहत केस दर्ज करने का आग्रह किया था. सदर थाने में दर्ज केस में भानु प्रताप प्रसाद को धारा 465, 467, 466, 469, 420, 379, 474 आईपीसी के तहत आरोपी बनाया गया है.