रांची: राजधानी रांची के ओरमांझी इलाके में भाजपा नेता चतुर साहू के ऊपर हुई गोलीबारी मामले में शामिल चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. चतुर साहू इस हमले में बाल बाल बच गए थे. चतुर साहू को मारने के लिए रांची जेल से ही सुपारी दी गई थी. मामले के उद्भेदन के लिए रांची एसएसपी किशोर कौशल ने एक एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने इस मामले में दो अपराधियों को बिहार के मुंगेर से गिरफ्तार किया है. वहीं, दो अपराधी ओरमांझी से पकड़े गए. गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने दो हथियार और कारतूस भी जब्त किया है.
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रांची जेल में हुई थी प्लानिंग: रांची एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि चतुर साहू पर हमला कर उन्हें जान से मारने की प्लानिंग रांची जेल में हुई थी. हलांकि, दूसरी फायर मिस होने की वजह से भाजपा नेता बाल-बाल बच गए थे. चतुर साहू को एक गोली हाथ में लगी थी. जब पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश शुरू की तो पुलिस को एक चौंकाने वाली जानकारी मिली. दरअसल, पिछले साल 22 सितंबर को ओरमांझी के ही रहने वाले भाजपा नेता जीतराम मुंडा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को मनोज मुंडा ने भाड़े के शूटरों से अंजाम दिलवाया था. जिसके बाद मनोज मुंडा गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि मनोज मुंडा ने ही चतुर साहू को मारने के लिए सुपारी दी थी. मनोज मुंडा जेल में रहकर ही एक बड़ा आपराधिक गिरोह तैयार कर रहा था.
चतुर साहू से मांगी गई थी रंगदारी: पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि मनोज मुंडा अपने गिरोह के साथ मिलकर जेल के अंदर से ही ओरमांझी के कारोबारियों से रंगदारी मांग रहा था. मनोज मुंडा ने भाजपा नेता चतुर साहू से भी रंगदारी की मांग की थी, जिसे देने से भाजपा नेता ने इनकार कर दिया था. चतुर साहू के इनकार करने के बाद मनोज मुंडा ने उसे जान से मार देने की योजना बनाई, ताकि डर का माहौल बने और कोई भी रंगदारी देने से इनकार नहीं करे. इसी साजिश के तहत उसने पहले से ही जेल में बंद ओरमांझी के ही एक अपराधी उमेश करमाली की जमानत करवाकर उसे गिरोह का संचालन करने के लिए बाहर भेजा. जेल से बाहर निकलने के बाद उमेश करमाली मनोज के इशारे पर करवरिया से रंगदारी की मांग करने लगा.
चतुर साहू की हत्या कर सनसनी फैलाने की थी योजना: जेल में बंद मनोज को यह सूचना दी गई कि भाजपा नेता चतुर साहू से रंगदारी मांगी गई थी, लेकिन वह रंगदारी के पैसे देने से इनकार कर रहा है. जिसके बाद मनोज मुंडा ने यह आदेश दिया कि चतुर साहू की हत्या कर दी जाए ताकि आगे कोई भी रंगदारी देने से इनकार न करें. चतुर साहू की हत्या के लिए मुंगेर से दो शूटर संजीव और रामकुमार को बुलाया गया. दोनों ने तय समय पर चतुर साहू पर फायरिंग भी की, लेकिन चतुर साहू की किस्मत अच्छी थी और वह बच गए. गिरफ्तार अपराधियों में संजीव कुमार और राम कुमार प्रवेश मुंगेर के रहने वाले हैं. जबकि उमेश करमाली और नीरज महतो ओरमांझी के रहने वाले हैं. भाजपा नेता पर फायरिंग करने वाले मुंगेर के दो शूटर संजीव और रामकुमार हरियाणा में छुपकर रह रहे थे. टेक्निकल सेल के माध्यम पुलिस ने दोनों को हरियाणा से गिरफ्तार किया.