रांचीःझारखंड में कोरोना के कहर से हर कोई दहशत में है. राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से चारों ओर खलबली मची है. राजधानी रांची में भी लोग खौफ के साये में जी रहे हैं. राजधानी के हिंदपीढ़ी इलाके में इसका मामला सामने आया था. कोरोना वायरस से संक्रमित रांची के हिंदपीढ़ी की 54 वर्षीय महिला और उनके परिवार से चेन रिएक्शन जैसा संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. चूंकि महिला के बेटे और पति का व्यवसाय आलू-प्याज का है. बेटों ने संक्रमण का पता चलने से पहले डेली मार्केट में हर दिन करीब पांच क्विंटल आलू व प्याज की बिक्री की है.
इस बिक्री के लिए उनके पास बड़ी संख्या में खुदरा बिक्रेता पहुंच चुके हैं. बड़ी संख्या में ग्राहक भी आलू-प्याज खरीद चुके हैं. कितने लोग उनके संक्रमण में आए होंगे इसका आकलन करना संभव नहीं है. इसके साथ ही बूटी मोड़ का डायलिसिस अस्पताल भी संक्रमण के खतरे से अछूता नहीं है.
बड़े संक्रमण की आशंका
जहां, बुजुर्ग महिला को लेकर बेटे और पति डायलिसिस के लिए जाते थे. वहां भी संपर्क में आए लोगों पर संक्रमण का खतरा बरकरार है. इसके साथ ही इनका कई सब्जी बाजारों के खुदरा विक्रेताओं से भी मिलना जुलना हो चुका है. ये नागा बाबा सब्जी खटाल, लालपुर सब्जी मंडी, हरमू मंडी सहित कई सब्जी बाजारों में घूम चुके हैं.
पैसे का तगादा करने, अलग-अलग भाई जाते रहे हैं. ऐसे में संक्रमित होने के बाद अगर इनका व्यवसाय जारी रहा है, तो बड़ी संख्या में संक्रमण फैलने के पूरे आसार हैं. इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है, कि अगर संक्रमण फैला होगा तो कितनों को चपेट में लिया है. इस हाल में पुलिस-प्रशासन के लिए उनकी पहचान कर पाना बड़ी चुनौती ही नहीं, असंभव जैसा है.
इस परिवार तक संक्रमण कैसे फैला, इसकी अब तक जानकारी नहीं
इस परिवार तक संक्रमण कैसे फैला, इसकी जानकारी भी पुलिस-प्रशासन के पास नहीं है. चूंकि परिवार का तबलीगी जमात से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं रहने का दावा किया गया है. चूंकि ये बरेलवी मसलक से आते हैं. मलेशियाई संक्रमित महिला के संपर्क में आने से भी पूरी तरह से इंकार किया है.
ऐसे में एक आशंका यह भी है मलेशियाई महिला के संपर्क में आया कोई ऐसा व्यक्ति संक्रमित है, जो इनके संक्रमण का ऑरिजिन हो सकता है. प्रशासन उसकी पहचान नहीं कर सकी है. या कोई ऐसा संक्रमित व्यक्ति है, जो अब भी प्रशासन की नजरों से दूर है, जबकि वह संक्रमित हो. उसका संक्रमण का भी कोई प्रत्यक्ष ऑरिजिन की जानकारी खुद उसके पास न हो.
हिंदपीढ़ी के बाहर भी संक्रमण की संभावना
संक्रमित परिवार के जिस तरह घूमने की जानकारी मिल रही है, उससे ऐसी संभावना है कि हिंदपीढ़ी के बाहर भी संक्रमण फैला हो. चूंकि लालपुर, रातू रोड, हरमू सहित अन्य जगहों पर लगातार घूमना-फिरना किया गया है. ऐसे में एक बड़ी आबादी तक संक्रमण फैलने का खतरा बना है.
अगर केवल हिंदपीढ़ी की बात करें, तो हिंदपीढ़ी के नाला रोड और उससे सटे मोहल्लों के 1,000 घर के साथ पूरे हिंदपीढ़ी की एक लाख की आबादी पर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है, जबकि नाला रोड से सटे घरों को मिलाकर करीब 15 से 20 हजार की आबादी वहां रहती है. इस पूरी आबादी पर संक्रमण का खतरा बरकरार है. हालांकि प्रशासन विशेष स्क्रीनिंग कर लोगों की पहचान कर रही है. संपर्क में आने वालों को सामने आकर टेस्ट कराने की अपील भी की गई है.
अबतक 100 से ज्यादा किए गए क्वारेंटाइन
कोरोना संक्रमित परिवार के संपर्क में आने वाले 100 से ज्यादा लोगों को पुलिस प्रशासन ने क्वारेंटाइन किया है. इनमें 50 के करीब लोगों को खेलगांव में बने आइसोलेशन सेंटर भेजा गया है, जबकि कई काे होम क्वारेंटाइन किया गया है. सभी का प्रशासन सैंपलिंग करवा रही है. इसके अलावा इस परिवार के संपर्क में आने वाले हर उन व्यक्तियों को पुलिस-प्रशासन तलाश कर रही है. ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और उनके बारे में जानकारी मिल सके.
हिंदपीढ़ी के सब्जी कारोबारी पहुंच रहे अलग-अलग बाजार
हिंदपीढ़ी के कई सब्जी कारोबारी रांची के अलग-अलग बाजारों में पहुंचकर सब्जी की बिक्री या एजेंटी कर रहे हैं. नागा बाबा खटाल, लालपुर सब्जी मंडी, हरमू सब्जी मंडी, हटिया सब्जी मंडी, सहित अन्य जगहों पर लोगों के पहुंचने की जानकारी मिल रही है. हालांकि हिंदपीढ़ी में सख्ती के बीच बाजारों तक पहुंचने वालों की संख्या फिलहाल कम है. इक्के-दुक्के लोग ही हिंदपीढ़ी से निकलकर बाजारों तक पहुंच पा रहे हैं.