रांची:राजधानी में गर्मी का मौसम लोगों को लिए कष्टदायक हो जाता है. शहर का तापमान बढ़ने के साथ-साथ पानी की समस्या भी इन दिनों बढ़ जाती है. लोगों की परेशानी को देखते हुए कहा जा सकता है कि नगर निगम पानी की समस्या से निपटने में असफल ही रहा है.ग्रीष्म ऋतु से पहले इसके लिए रणनीति तैयार नहीं करना भी विफलता की बड़ी वजह है. वार्ड नंबर 26 के पार्षद ने भी नगर प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था. कहा था कि निगम भोज के दिन कोहड़ा रोपने का काम करता है. अर्थात जल संकट गहराने के बाद बोरिंग के लिए पहल की जाती है. ऐसे में निगम का कार्य जब तक पूर्ण होता है तब तक बरसात का आगमन हो जाता है.
Ranchi Water Crisis: शहर में पानी के लिए मचा हाहाकार, चादर तान कर सोई नगर सरकार
गर्मी की वजह से रांची के लोगों का बुरा हाल हो गया है. एक तरफ तो तापमान बढ़ने से लू का खतरा बढ़ गया है. दूसरी ओर वॉटर लेयर नीचे चले जाने से जल संकट गहरा गया है. नगर निगम भी लोगों की जरूरत के अनुसार पानी देने में विफल है.
कडरू तालाब सुखने से बढ़ी लोगों की परेशानी:चिलचिलाती धूप के बीच जारी जल संकट ने लोगों को बेहद परेशान कर रखा है. हालत यह है कि राजधानी रांची के विभिन्न इलाकों में बोरिंग फेल होने के साथ कुंए और तालाब सुखने लगे हैं. चापाकल पहले से ही दम तोड़ चूका है. ऐसे में लोगों की परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है. ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी के कुछ इलाकों में जारी जलसंकट का जायजा लेने पहुंची तो स्थिति वाकई में डालनेवाली थी. सबसे पहले बात करते हैं कडरू तालाब की तो यह तालाब पानी से भरा रहता था. लोग इस तालाब में छठ करते रहे हैं. लाखों रुपये खर्च कर तालाब का सौदर्यीकरण कराया गया है. मगर आज इस तालाब में एक भी बूंद पानी नहीं है. शाम के वक्त बच्चे इस तालाब में क्रिकेट खेलते हैं. इस तालाब में पानी रहने पर लोग नहाते थे और कपड़ा धोने का काम भी होता था. तालाब के सुखने के कारण स्थानीय लोग सुबह से ही पानी के लिए भटकना शुरू कर देते हैं.
रमजान में लोगों को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी:स्थानीय रोहित के अनुसार नगर निगम के सप्लाई वाटर पर भरोसा नहीं है. कब आयेगा और कितना देर रहेगा? इस वजह से सुबह 4 बजे से पानी ढोने का काम दूसरे मुहल्ला में जाकर करना पड़ता है. इसी तरह कडरू बगीचा टोली के लोग परेशान हैं. इस मुहल्ला में अधिकांश मुस्लिम लोग रहते हैं. रमजान के महीने में भी पानी को लेकर हो रही परेशानी से स्थानीय बिंदो परेशान हैं. सरकारी बोरिंग है भी तो एक स्थानीय लोगों ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए कर रखा है. जिससे मुहल्ले वाले परेशान हैं. पानी के लिए परेशान इन लोगों को बीते दस दिनों से सप्लाई वाटर नसीब नहीं हुआ है. मुहल्ला में चापाकल और कुंए पहले ही सूख चूके हैं.
पेयजल संकट दूर करने में जुटा नगर निगम:राजधानी रांची के सभी 53 वार्डो में पेयजल संकट दूर करने के लिए नगर निगम ने वृहत कार्य योजना बनाई है. इसके तहत हर वार्ड में तीन-तीन बोरिंग वार्ड पार्षदों के माध्यम से कराए जाने की तैयारी है.इसके अलावे नगर निगम 50 टैंकर भाड़ा पर लेकर पानी पहुंचाने का काम करेगा. यह 50 टैंकर पहले से नगर निगम के पास 40 टैंकर के अतिरिक्त होगा. नगर निगम के अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन के अनुसार निगम पानी की बर्बादी रोकने के लिए कठोर कदम उठायेगी.
रांची नगर निगम क्षेत्र में जलापूर्ति संबंधी आंकड़े
- 60 हजार घरों तक है वाटर कनेक्शन
- 2507 रांची नगर निगम क्षेत्र में चापाकल
- हर वार्ड में तीन-तीन नया बोरिंग की तैयारी
- नगर निगम के पास है जलापूर्ति के लिए 40 टैंकर, 50 अतिरिक्त टैंकर भाड़ा पर लेकर जलापूर्ति की तैयारी
- पानी की बर्बादी रोकने के लिए नगर निगम करेगा कारवाई
- पानी की बर्बादी करते पाए जाने पर हो सकता है जुर्माना
- जलापूर्ति को लेकर रांची नगर निगम में बनाया गया है कंट्रोल रुम