HEC कर्मचारी बायोमैट्रिक्स पंचिंग की बाध्यता से मुक्त हुए, जानकारी देते मजदूर नेता रांची: राजधानी के धुर्वा स्थित एचईसी में अव्यवस्था जगजाहिर है. पिछले 20 महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से कर्मियों की माली हालत तो खराब हो गई है. अब एचईसी प्रबंधन के द्वारा बनाए गए नियमों की वजह से भी कर्मचारी परेशान हो रहे हैं. इन नियमों का कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.
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एचईसी की माली हालत खराब होने की वजह से एचईसी अपने कर्मचारियों को कैंटीन की सुविधा नहीं दे पा रहा है. ऐसे में कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह बन रही है कि पंचिंग के बाद भी कार्यालय से नहीं निकल सकते हैं. अब कर्मचारियों को चाय नाश्ता करने के लिए बाहर निकालना पड़ता है तो उन्हें पंच करना ही होगा. जब कैंटीन की सुविधा हुआ करती थी तो परिसर के अंदर में ही कर्मचारी चाय नाश्ता कर लेते थे. जिससे उन्हें बार-बार पंच करने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी. कर्मचारी सिर्फ एंट्री और एग्जिट के समय ही पंचिंग करते थे और उनकी पूरी हाजिरी बन जाती थी.
अब कर्मचारियों को चाय नाश्ता करने के लिए भी बाहर निकालना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें पंच करना होत है. जो कर्मचारी दूर रहते हैं वह लंच टाइम में पंचिंग के समय पर वापस नहीं लौट पाते हैं. इसलिए बायोमैट्रिक्स पंचिंग की बाध्यता को समाप्त करने के लिए एचईसी के कर्मचारियों ने मांग की है. उनका कहना है कि जब तक कर्मचारियों के बकाये वेतन का भुगतान किया जाता तब तक पंचिंग की व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाए. जिसके बाद प्रबंधन ने एचईसी के कर्मचारियों की मांग को मानते हुए पंचिंग की बाध्यता को समाप्त कर दिया है. इससे कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है.
हालांकि एचईसी कर्मचारियों की मांग पर प्रबंधन ने पहले इनकार किया और उन्हें पंंच करने का आदेश दिया था. लेकिन कर्मचारियों ने जब प्रदर्शन करने की बात कही तो प्रबंधन अपने निर्णय को वापस ले लिया. इसके बाद जब तक बकाए वेतन भुगतान नहीं हो जाता तब तक कर्मचारियों को पंचिंग की बाध्यता से मुक्त कर दिया है. बता दें कि एचईसी के कर्मचारियों को पिछले 20 महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में कई कर्मचारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं तो कई कर्मचारी दूसरे काम की तलाश रहे हैं.