रांचीःराइट टू सर्विस के तहत लोगों की समस्या को दूर करने में अनदेखी करने वाले 12 अंचलाधिकारियों को चिन्हित कर रांची उपायुक्त छवि रंजन ने कारवाई की है. इन अधिकारियों पर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. रांची उपायुक्त कार्यालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार नामकुम, कांके सहित एक दर्जन अंचलाधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है.
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उपायुक्त ने अरगोड़ा के सीओ अरविंद कुमार ओझा, बुंडू के सीओ राजेश डुगडग, नगड़ी के सीओ संतोष कुमार शुक्ला, बुढमु के सीओ संतोष कुमार विद्यार्थी, कांके के सीओ दिवाकर प्रसाद चंद्रिका, बेड़ो के सीओ सुमंत तिर्की, बड़गाई के सीओ मनोज कुमार, अनगड़ा के सीओ पुष्पक रजक, ओरमांझी के सीओ विजय केरकेट्टा, नामकुम के सीओ सुरेंद्र उड़ांव, खलारी के सीओ विजय शिशुपाल आर्य, हेहल के सीओ ओम प्रकाश मंडल शामिल हैं.
राइट टू सर्विस के तहत किस कार्य के लिए कितने दिन निर्धारित किए गए हैं
- आय प्रमाण पत्र- 15 दिन
- जाति प्रमाण पत्र- 15 दिन
- आवासीय प्रमाण पत्र- 15 दिन
- जमीन म्यूटेशन- 45 दिन
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन- 21 दिन
- नया बिजली कनेक्शन- 30 दिन
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट- 3 दिन
- जन वितरण प्रणाली दुकान लाइसेंस- 30 दिन
- राशन कार्ड- 60 दिन
- क्रशर चलाने का लाइसेंस- 30 दिन
आमलोगों की समस्याओं का निदान निर्धारित पर हो. इसको लेकर संवैधानिक व्यवस्था के तहत समय सीमा निर्धारित की गई. लेकिन सरकारी बाबुओं की उदासीन रवैया के कारण लोगों का काम निर्धारित समय से पूरा नहीं हो रहा है. स्थिति यह है कि मजबूरन लोगों को प्रखंड से लेकर जिला कार्यालय तक चक्कर लगाना पड़ता है. राइट टू सर्विस के तहत जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर आवासीय प्रमाण पत्र तक के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है. निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा नहीं होने पर अधिकारियों को दंडित करने का प्रावधान है.