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रांची के पंडरा बाजार समिति का बढ़ा किराया, विरोध में उतरा रांची चैंबर ऑफ कॉमर्स - Jharkhand news

पंडरा बाजार समिति में किराया बढ़ाने के बाद से ही वहां विरोध किया जाने लगा है. रांची चैंबर के अध्यक्ष संजय कुमार महली ने ये तक कहा है कि बाजार समिति को किराया बढ़ाने का अधिकार नहीं है.

rent of Pandara Bazaar Committee
rent of Pandara Bazaar Committee

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 20, 2023, 10:42 PM IST

रांची:बाजार समिति की दुकानों और गोदामों का किराया बढ़ने के साथ ही विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. राज्य में सबसे ज्यादा राजस्व संग्रह करने वाले रांची के पंडरा बाजार की दुकानों और गोदामों का किराया दोगुना से अधिक बढ़ा दिया गया है. यहां प्रतिवर्ग फीट 5 रुपये के बजाय अब 11 रुपए देने होंगे. साल 2018 में पंडरा बाजार समिति का किराया बढ़ाया गया था. किराया बढ़ाए जाने से कृषि उत्पादन बाजार समिति को अब 28 लाख प्रतिमाह के बजाए करीब 60 लाख मिलेंगे.

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बाजार समिति में 801 दुकान और गोदाम हैं जहां से भारी भरकम राजस्व प्राप्त होता है. हालांकि दुकानदारों के पास करोड़ों रुपए बकाया भी है, जिसको लेकर समिति सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. कृषि उत्पादन बाजार समिति रांची के द्वारा जारी चिट्ठी के अनुसार पंडरा बाजार समिति के अलावे बेड़ो हाट, नारो हाट, मुरी हाट, ठाकुरगांव हाट, ओरमांझी हाट, मांडर हाट और नगरी हाट के किराए में भी वृद्धि की गई है.

किराया वृद्धि के विरोध में उतरा रांची चैंबर: बाजार समिति के दुकानों और गोदाम के किराए में हुई वृद्धि के खिलाफ रांची चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है. बुधवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स भवन में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए रांची चैंबर के अध्यक्ष संजय कुमार महली ने कहा कि कृषि बाजार समिति को किराया वृद्धि करने का अधिकार नहीं है.

संजय कुमार ने इसे गैर कानूनी बताते हुए कहा कि इसका अधिकार झारखंड राज्य कृषि विपणन परिषद को है. उन्होंने 28 फरवरी 2019 को आयोजित झारखंड राज्य कृषि विपणन परिषद रांची के निदेशक मंडल की बैठक में लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि बाजार समितियों के द्वारा अपने स्तर से किराया निर्धारण प्रथा को समाप्त किया जाता है. बोर्ड के द्वारा निर्धारित किराया/ दर गोदाम या दुकान दोनों के लिए अनुमान नहीं होगा. भविष्य में किराया निर्धारण के लिए प्रबंध निदेशक को प्राधिकृत किया जाता है. ऐसे में मनमाने तरीके से कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव के हस्ताक्षर से यह चिट्ठी जारी की गई है जिसका वह विरोध करते हैं.

संजय कुमार ने कृषि बाजार समिति में व्याप्त गड़बड़ी और संसाधनों का अभाव पर नाराजगी जताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का बोलबाला है और आए दिन मीडिया में इस तरह की खबरें आती रहती हैं. ऐसी स्थिति में जल्द ही अनुमंडल पदाधिकारी से मिलकर व्यवसायी अपनी नाराजगी से अवगत कराएगा.

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