रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला केस के सबसे बड़े डोरंडा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को दोषा करार दिया है, सजा पर 21 फरवरी को फैसला होगा. दोषा करार देने के बाद लालू यादव को रांची के होटवार जेल भेज दिया गया.
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चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आ गया है. डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े इस बहुचर्चित मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित 99 अभियुक्तों का भविष्य अदालत के फैसले पर टिकी था. 90 के दशक का सबसे बड़े घोटाले में झारखंड में 53 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें यह 52वां केस है जिसमें अदालत ने फैसला सुनाया है.
लालू से जुड़ा पांचवां केसः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़ा यह पांचवां केस है. इससे पहले चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े 2 केस और देवघर- दुमका के एक-एक केस में लालू को सजा मिल चुकी है. सीबीआई की विभिन्न अदालतों ने लालू प्रसाद एवं अन्य आरोपियों को दोषी माना है.
डोरंडा ट्रेजरी केस भी है अहम
डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में 170 आरोपियों में से लालू प्रसाद, आरके राणा, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा सहित 99 आरोपी वर्तमान समय में ट्रायल फेस कर रहे थे.
पहला केस : चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटाला
चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.