रांची:वर्ष 2047 तक देश को सिकल सेल से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत की है. झारखंड में इस अभियान की शुरुआत रांची जिले के कांके प्रखंड अंतर्गत कोकोदरो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से हुई. इस कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी भाग लिया. उन्होंने कहा कि सिकल सेल एनीमिया एक वंशानुगत बीमारी है. कहा कि शादी के पूर्व युवक-युवती सिकल सेल एनीमिया की जांच करा लें. इसके लिए बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है.
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स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा:कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने सिकल सेल से पीड़ित लोगों को पिंक और ब्लू कार्ड का वितरण किया तथा योग्य परिवार के बीच आयुष्मान कार्ड का भी वितरण किया. कहा कि इस योजना के लाभार्थी राज्य के किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में पांच लाख रुपये की राशि तक का इलाज करा सकते हैं. जिसका भुगतान सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
रांची के सांसद ने क्या कहा:रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि देश की जनता की चिंता प्रधानमंत्री कर रहे हैं, यही वजह है कि उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जनोपयोगी योजनाएं लगातार शुरू की जा रही हैं.
स्वास्थ्य सचिव ने क्या कहा:अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया रक्त से जुड़ी बीमारी है. उन्होंने कहा कि जनजातीय बहुल इलाके में इस बीमारी से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया-हीमोफीलिया बीमारी का भी प्रभाव हमारे राज्य में अधिक है.
इस अवसर पर कांके से भाजपा विधायक समरी लाल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख डॉ बीरेंद्र प्रसाद सिंह, अपर अभियान निदेशक बिद्यानंद शर्मा पंकज, रांची सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार, प्रखंड प्रमुख सोमनाथ मुंडा, मुखिया भुजबल पाहन सहित स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी, कर्मचारी और कोकोदरो पंचायत और आसपास के लोग उपस्थित थे.
स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए:सिकल सेल एनीमिया से ग्रस्त 27 वर्षीया बिमला देवी ने कहा कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को जागरूक करते हुए कहा कि स्वस्थ जीवनशैली से अच्छा जीवन जी सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह बीमारी ठीक तो नहीं होगी लेकिन थोड़ा ध्यान रखें तो परेशानी कम जरूर होगी.
उन्होंने कहा कि संतुलित आहार-विहार फायदेमंद होगा. बिमला देवी ने कहा कि मुझे पहली बार 2016 में इस बीमारी के बारे में पता चला था, तब रांची सदर अस्पताल के डे केयर सेंटर से काफी जानकारी प्राप्त हुई. वहां से इलाज शुरू हुआ और मैं अच्छा जीवन जी रही हूं.