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बागी बीजेपी सांसद रामटहल निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव, कहा- सिर्फ मोदी के नाम पर नहीं जीता चुनाव

बागी बीजेपी सांसद रामटहल चौधरी सिर्फ पीएम मोदी को अपने जीतने का श्रेय दिए जाने से खासे खफा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने दम पर चुनाव जीता है और इस बार भी वे निर्दलीय से ही सही चुनाव जरूर लड़ेंगे.

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Published : Apr 10, 2019, 5:44 PM IST

बागी बीजेपी सांसद रामटहल निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

रांचीः टिकट न मिलने पर खफा बागी बीजेपी सांसद रामटहल चौधरी के बगावती तेवर शांत नहीं हुए है. रांची संसदीय सीट से 5 बार एमपी रहे रामटहल चौधरी ने जहां एक ओर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लेते हुए निर्दलीय से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. वहीं, अपने जीता का पूरा श्रेय पीएम मोदी को दिए जाने से खासे खफा भी है.

बागी बीजेपी सांसद रामटहल निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब तक वह अपने दम पर जीतते आए है. इस बार भी वह चुनाव लड़ेंगे. चाहे इसके लिए उन्हें निर्दलीय ही पर्चा क्यों न दाखिल करना पड़े. उन्होंने कहा कि वे16 अप्रैल को वह अपना नॉमिनेशन दाखिल करेंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ कहा कि पिछली बार भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मिले लेकिन सिर्फ उन्हीं की बदौलत पार्टी रांची सीट नहीं जीत पाई. यह उनकी मेहनत का भी नतीजा था. उन्होंने कहा कि रामटहल चौधरी से भिड़ने का नतीजा भविष्य में पता चलेगा. बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेताओं को अहम हो गया है. जो आने वाले समय में टूटेगा.

आखिर क्यों नहीं मिला टिकट
टिकट न मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी में विनिंग कैंडिडेट टिकट नहीं मिलता है तो किसे दिया जाएगा. पार्टी के सलेक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार में उन्होंने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए तो उल्टे राज्य सरकार की पीठ थपथपाया गया. जो उनसे नहीं सहा गया. उन्होंने कहा कि वो सम्मान के आगे झुकना नहीं जानते. सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से ही उनका टिकट काटा गया.

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पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से देंगे इस्तीफा
उन्होंने साफ किया कि 30 मार्च तक पार्टी के निर्णय का इंतजार के बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लिया है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को भेजे जाने वाले इस्तीफे की कॉपी भी दिखाई. उन्होंने कहा कि 1972 की हवा में भी 6 हजार वोटों से वो रांची से जीते थे. बाद में इंडिपेंडेंट जब लड़े तो 80 हजार वोट उन्हें मिले थे.

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