झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

रांची एयरपोर्ट के नजदीक बसे लोगों पर बढ़ा बेघर होने का खतरा, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

रांची एयरपोर्ट के नजदीक रहने वालों लोग अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. घर बनाने में जीवन भर की मोटी कमाई लगाने के बाद अब उन्हें बेघर होने का खतरा सता रहा है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

Ranchi Airport Land Dispute
रांची एयरपोर्ट के नजदीक जमीन विवाद

By

Published : Jul 3, 2023, 11:05 AM IST

Updated : Jul 3, 2023, 2:23 PM IST

देखें पूरी खबर

रांची:एयरपोर्ट के आसपास के गांव में रहने वाले लोगों के ऊपर बेघर होने का डर सता रहा है. दरअसल हेथू और गढ़ाटोली की जिस जमीन पर लोगों ने घर बनाया है, उस जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से 2007 में ही हो गया था. स्थानीय लोगों का कहना है कि नोटिफिकेशन होने के बावजूद दलालों ने उक्त जमीन को उन्हें बेच दिया. उनका कहना है कि जीवन भर की गाढ़ी कमाई घर बनाने में लगा दी और अब उसे खाली करने का नोटिस मिल रहा है.

ये भी पढ़ें:एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन की बिक्री विवाद पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब, अफसरों को सहयोग करने की दी हिदायत

मकान तोड़ने का नोटिस जारी:जमीन कारोबारियों के द्वारा लोगों को हेथू और गढ़ाटोली के उन सभी अधिकृत जमीनों को यह कहकर बेच दिया गया कि यह जमीन रैयती है और एयरपोर्ट की तरफ से एनओसी जारी कर दी गई है. सीधे-साधे लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई दलालों के कहने पर खर्च कर दिए. स्थानीय लोगों ने कहा कि अब जमीन खरीदने वाले लोगों को अंचल कार्यालय से मकान तोड़ने का नोटिस जारी किया गया है.

मुआवजा देने की मांग:नोटिस जारी होने के बाद स्थानीय लोग चिंता में डूब गए हैं और वे यह सोच रहे हैं कि अपने जीवन भर की कमाई से जमीन खरीदकर घर बनाने के बाद अब उसे वह खाली कैसे करें? लोगों की परेशानी को देखते हुए एयरपोर्ट विस्थापित संघर्ष मोर्चा के नेता सुरेश गोप ने विरोध जताया और एयरपोर्ट प्रबंधन एवं भू-अर्जन विभाग के अधिकारियों से यह मांग की है कि लोगों को मुआवजा दिया जाए और जिन लोगों के द्वारा झूठ बोलकर जमीन बेची गई है, उन पर भी कार्रवाई की जाए.

सामान अन्य जगह भिजवाया:हेथू इलाके के लोगों की परेशानी और विरोध को देखते हुए नामकुम अंचल कार्यालय की तरफ से दिए गए नोटिस को तत्काल स्टे कर दिया गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जैसे ही उन्हें नोटिस मिला कि अगले दो दिनों में घर खाली करें नहीं तो उनका घर तोड़ दिया जाएगा, उसके बाद कई लोगों ने डर से अपने घरों का सामान निकाल कर दूसरे जगह पहुंचा दिया.

क्या कहते हैं भुक्तभोगी:

  1. हेथू में 2009 से मकान बनाकर रह रहे रवींद्रनाथ चक्रवर्तीबताते हैं कि अपने जीवन भर की पूंजी लगाकर सपनों का आशियाना बनाए हैं, यदि उसे सरकार के द्वारा तोड़ दिया जाएगा तो ऐसे में लोगों की चैन और नींद उड़ना लाजिमी है.
  2. वहीं हेथू के बगल में गढ़ा टोली के पास जमीन खरीदने के बाद अपना मकान बनाकर रह रहीं नीलूदेवीबताती हैं कि सरकार की तरफ से अचानक एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर मकान तोड़ने का नोटिस दिया जाता है. उन्होंने कहा कि वह जब जमीन खरीद रहे थे तो उस समय भू अर्जन विभाग के द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताई गई. जब लोग मकान बना लिए हैं तब अब मकान तोड़ने का नोटिस जारी किया जा रहा है.
  3. गढ़ा टोली में अपना मकान बनाकर रह रहे गोपालबताते हैं कि जब उन लोगों ने जमीन खरीदा था तो उस समय अंचल विभाग की तरफ से कोई सवाल खड़े नहीं किए गए. अब कई वर्षों के बाद मकान तोड़ने का नोटिस दिया जाता है. मकान मालिक गोपाल ने बताया कि यदि सरकार को एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए मकान तोड़ना ही है तो पहले लोगों को मुआवजा दे दिया जाए, ताकि लोग दूसरी जगह जमीन लेकर मकान बना सकें.

एयरपोर्ट संघर्ष मोर्चा के सदस्य ने क्या कहा: एयरपोर्ट पर मकान बनाकर रहने वाले लोगों के हक में लड़ाई लड़ रहे सुरेश गोप बताते हैं कि स्थानीय जमीन दलालों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए सरकार के नोटिफिकेशन को छुपाकर लोगों को जमीन बेच दी. वहीं उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा 2007 में जारी किए गए नोटिफिकेशन की सूचना भी कई वर्षो तक रैयतों को नहीं दी गई थी. इस वजह से भी रैयतों ने अपनी जमीन बेचने का काम किया. अब यह परेशानी का कारण बन रहा है.

Last Updated : Jul 3, 2023, 2:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details