रांची: झारखंड में कोरोना को लेकर सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से चौकस है. सभी जगह एहतियात के तौर पर कदम उठाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य कदम लगातार एक्शन ले रहा है. इसी क्रम में बुधवार को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कुल 70 संदिग्ध लोगों का सैंपल लिया गया जिसमें 69 संदिग्धों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है तो वहीं एक मरीज की रिपोर्ट आना बाकी है.
वहीं मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य से अब तक कुल 423 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है. आपको बता दें स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य के कोरोना के संदिग्धों की सूची बुधवार को भी जारी नहीं की.
कोरोना के संदिग्धों का हंगामा, लैब टेक्नीशियनों के साथ की बदतमीजी
रिम्स अस्पताल में कुल 70 संदिग्धों में से 48 संदिग्ध हिंदपीढ़ी के रहने वाले थे. जब हिंदपीढ़ी के रहने वाले लोगों की जांच लैब टेक्नीशियन द्वारा की जाने लगी तो कई लोगों ने इसका विरोध किया.
लैब टेक्नीशियन ने बताया कि जिस प्रकार से कोरोना के संदिग्ध द्वारा बदतमीजी की गई है यह निश्चित रूप से उनकी सुरक्षा पर सवाल उठाता है. लैब टेक्नीशियनों ने गुहार लगाते हुए कहा कि अगर गुरुवार से पुलिस सुरक्षा के बीच जांच नहीं कराई गई तो हम लोग कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच नहीं करेंगे. वहीं मलेशिया से आई कोरोना पॉजिटिव की मरीज ने भी इलाज में लगी सिस्टर के साथ काफी बदसलूकी की है.
ड्राइवरों की भी हालत हुई खराब
प्रशासन के आदेश पर बुधवार को हिंदपीढ़ी से सभी संदिग्धों को 4 गाड़ियों से रिम्स लाया गया, जिसमें सभी गाड़ियों के ड्राइवर एहतियात के तौर पर पीपीई किट पहने हुए थे, लेकिन अत्यधिक गर्मी होने के कारण सभी ड्राइवर रिम्स पहुंचते ही जमीन पर गिर गए.
उन्होंने बताया कि पीपीई किट पहने के बाद उन्हें अत्यधिक गर्मी लगने लगी जिस वजह से वे लोग रिम्स पहुंचते ही परेशान होकर जमीन पर राहत के लिए बैठ गये.झारखंड में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलते ही रिम्स प्रबंधन ने रोस्टर प्लान तैयार किया है. इसके तहत एक सप्ताह तक एक डॉक्टर की ड्यूटी लगाई जाएगी.