झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

मरीजों की मददगार '108 एंबुलेंस' एक्सपायर! पेसेंट की जान जोखिम में डाल, पकड़ रही सड़क पर रफ्तार - झारखंड समाचार

108 एंबुलेंस की सेवा समाप्त होने के बाद भी सड़क पर सरपट दौड़ती दिख रही है. कागजी पेच के कारण नई एंबुलेंस इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.

Ranchi 108 Ambulance worse Condition
108 एंबुलेंस की सेवा समाप्त

By

Published : Apr 25, 2023, 7:48 PM IST

Updated : Apr 25, 2023, 9:32 PM IST

देखें स्पेशल स्टोरी

रांची:मरीजों की सहायता गाड़ी '108 एंबुलेंस'. अपनी 5 साल की कार्यकाल पूरी कर चुकी है. कईयों की हालत जर्जर हो चुकी है. इसके बाद भी एंबुलेंस झारखंड की सड़कों पर सरपट दौड़ती दिख रही है. मरीजों की सेवा में लगी ये एंबुलेंस कहीं मरीजों के दुर्घटना का कारण ना बन जाए. इसके बावजूद भी प्रबंधन की ओर से गंभीरता नहीं दिख रही है.

ये भी पढ़ें:झारखंड के लोगों को जल्द मिलेगी 200 अत्याधुनिक एंबुलेंस, इंदौर से लाई जा रही रांची

मरीजों का था मददगार:गौरतलब है कि झारखंड में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार ने '108 एंबुलेंस' सेवा की शुरुआत की थी. जिसके तहत राज्य भर के मरीजों को मुफ्त में एंबुलेंस सेवा दी जाती है. इससे उन्हें गंभीर स्थिति में अस्पताल तक पहुंचाने का काम किया जाता है.

झारखंड में चल रही 337 एंबुलेंस:झारखंड में चल रही 108 की 337 एंबुलेंस की स्थिति राम भरोसे नजर आ रही है. झारखंड में 108 सेवा की 337 एंबुलेंसों की खरीदारी वर्ष 2015 में हुई थी. जिसका रजिस्ट्रेशन डेट समाप्त हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद भी गाड़ियां सरपट सड़कों पर दौड़ रही है. मरीजों को ढोने का काम कर रही है.

कागजी पेंच में फंसी नई एंबुलेंस:'108 एंबुलेंस' संचालक मिल्टन सिंह ने बताया एंबुलेंस की समय अवधि समाप्त हो चुकी है. बावजूद भी सड़कों पर हमें पुराने एंबुलेंस से ही काम करना पड़ रहा है. बताया कि अभी तक नई एंबुलेंस के परिचालन की कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. नई एंबुलेंस की खरीदारी हो चुकी है, जो फिलहाल नामकुंब स्थित स्वास्थ्य कार्यालय में पड़ी है. गौरतलब है कि नियमानुसार एंबुलेंस की समय अवधि पांच साल तक ही थी.

पड़ताल में निकली खराबी:ईटीवी भारत की टीम ने '108 एंबुलेंस' की स्थिति की पड़ताल की. टीम ने देखा कि एक गंभीर रूप से ग्रसित मरीज को रिम्स अस्पताल लेकर पहुंची '108 एंबुलेंस' का ब्रेक खराब था. इस संबंध में चालक से बात की गई तो चालक ऑन कैमरा कुछ भी कहने से बचते नजर आया. टीम ने एंबुलेंस का जायजा लिया तो पाया गया कि एक एंबुलेंस के हैंड ब्रेक खराब है. साथ ही कई एंबुलेसों के कल पुर्जे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. गौरतलब है कि यदि किसी निजी वाहन का ब्रेक खराब होता है, तो दुर्घटना होने की संभावना बढ़ होती है. एंबुलेंस में गंभीर रूप से बीमार मरीज भी रहते हैं, जो विपरीत परिस्थिति में वाहन से उतरकर बाहर भी नहीं निकल सकते.

नई एंबुलेंस मुहैया कराने की मांग:पूरे मामले पर '108 एंबुलेंस' सेवा के संचालक मिल्टन सिंह ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से नई एंबुलेंस मुहैया कराने की मांग करते है. साथ ही कहा कि '108 एंबुलेंस' के चालक और टेक्नीशियन का वेतन भी नियमित किया जाए. पिछले एक साल से '108 एंबुलेंस' सेवा के चालक और टेक्नीशियन को नियमित रूप से वेतन नहीं मिल पा रहा है.

Last Updated : Apr 25, 2023, 9:32 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details