रामपुर: कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाला था, जिसमें जिले का भी एक किसान शामिल था. इस दौरान मची भगदड़ में किसान की मौत हो गई. किसान का शव दिल्ली से देर रात रामपुर पहुंच गया. जिला अस्पताल में डाॅक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है.
जिले की तहसील बिलासपुर के डिब्बा गांव यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर स्थित है. जिले का नौजवान किसान नवरीत सिंह पुत्र साहिब सिंह दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे आंदोलन में शामिल था. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाला था. इस दौरान भगदड़ मची. किसानों और पुलिस में झड़प भी हुई, जिसमें नवरीत सिंह की मौत हो गई. किसान की मौत से गांव में मातम छाया हुआ है. मृतक की उम्र करीब 24 वर्ष है. वह दो-तीन दिनों से किसान आंदोलन में शामिल था.
मृतक के दादा ने दिल्ली पुलिस पर लगाया आरोप
मृतक किसान के दादा हरदीप सिंह ने बताया उनके पोते को पुलिस ने सीधे माथे पर गोली मारी है. पुलिस के मुताबिक ट्रैक्टर पलटने से किसान की मौत हुई है. इस सवाल पर मृतक के दादा ने कहा झूठ बोलते हैं. सब लोग अपनी चमड़ी बचाने के लिए बहुत कहानियां कर रहे हैं. सामने से उसे गोली लगी है, जो माथे से क्रॉस करके बाहर निकल गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने शांतिपूर्ण आंदोलन को भटकाने के लिए बहुत बड़ी साजिश की है. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने मेरे पोते का कत्ल किया है. पूरे मामले में जवाबदेही सरकार की है.
हरदीप सिंह का आरोप, ट्रैक्टर पलटने से नहीं हुई मौत
हरदीप सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस के मुताबिक ट्रैक्टर पलटने से मौत हुई है. अगर ट्रैक्टर पलटने से मौत हुई होती तो उसे अस्पताल लेकर क्यों नहीं गए. वह तीन घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा. उसे गोली मारने के बाद सब लोग भाग गए.