रांची: लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित कराने की तमाम कोशिशों पर गाहे-बगाहे पानी फिर जा रहा है. राजधानी के वीआइपी रोड कहे जाने वाले बाइपास पर डीपीएस स्कूल के पास बसी झुग्गी झोपड़ियों में पानी की भारी किल्लत है. नगर निगम का एक टैंकर जब पानी लेकर बस्ती के पास मुख्य सड़क पर रुका तो पानी लेने के लिए होड़ मच गई.
सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात थी यहां लोग मुंह और नाक को भी नहीं ढंके हुए थे. क्या बच्चे, क्या महिलाएं और क्या नौजवान, सभी लोग अपनी-अपनी बाल्टी या बर्तनों में पानी भरने के लिए बेचैन थे. हालांकि इस दौरान वाटर टैंकर लेकर पहुंचे नगर निगम का कर्मी लोगों से बार-बार एक दूसरे से दूरी बनाने की अपील कर रहा था, लेकिन लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा था. ईटीवी भारत की टीम ने इस घोर लापरवाही को लेकर स्थानीय लोगों से बात की.
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ईटीवी भारत से स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां पानी के लिए लोग तरस रहे हैं और आप सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की बात कर रहे हैं, हालांकि लोगों ने माना कि उन्हें चेहरे ढकने चाहिए थे. लोगों ने बताया कि पानी की घोर किल्लत रहने के कारण यहां जैसे ही खबर मिलती है कि वाटर टैंकर आया है तो लोग बिना कुछ सोचे बाल्टी और बर्तन लिए दौड़ जाते हैं. बस्ती के लोगों ने कहा कि पिछले 4 दिन से इस बस्ती में वाटर की सप्लाई नहीं हुई है, नगर निगम की गाड़ी भी कभी-कभार आती है. इस वजह से किसी को यह समझ में नहीं आया कि उन्हें चेहरे पर मास्क लगाना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए.
खास बात है कि अभी गर्मी ठीक से शुरू भी नहीं हुई है और राजधानी में पानी की इस तरह किल्लत होने लगी है. एक तरफ सरकार इस कोशिश में लगी है कि लॉकडाउन की मार झेल रहे बेघर, लाचार और गरीबों को किसी भी हालत में भूखा ना रहने दिया जाए. वहीं दूसरी तरफ राजधानी की एक स्लम बस्ती के लोगों का पीने के पानी के लिए तरसना, यहां की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है.