झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

केंद्र ने नहीं सुनी गुजारिश,आखिर ले ही लिया मजदूरों से भाड़ा: मंत्री रामेश्वर उरांव

झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार से झारखंड सरकार ने किराया नहीं लेने की गुजारिश की थी. उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि केंद्र सरकार को बाकायदा राज्य सरकार की तरफ से अंडरटेकिंग भी लिख कर दी गई. इसके बावजूद उन गरीब मजदूरों से भाड़ा वसूला गया है.

rameshwar oraon
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव

By

Published : May 5, 2020, 3:28 PM IST

रांची: प्रवासी मजदूरों और छात्रों के वापस लौटने के लिए कथित रूप से टिकट के मद में लिए गए भाड़े पर चल रही सियासत के बीच में झारखंड कैबिनेट मंत्री रामेश्वर उरांव ने बड़ी बात कही है. मंगलवार को राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार से झारखंड सरकार ने किराया नहीं लेने की गुजारिश की थी.

उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि केंद्र सरकार को बाकायदा राज्य सरकार की तरफ से अंडरटेकिंग भी लिख कर दी गई. इसके बावजूद उन गरीब मजदूरों से भाड़ा वसूला गया है. उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है और वह बेकार बैठे हैं. यहां तक कि आधा पेट खाना खाकर वह जीवन व्यतीत कर रहे हैं. ऐसे में उनकी वापसी में पैसे लेना कहां तक सही है

रामेश्वर उरांव, वित्त मंत्री, झारखंड

निःशुल्क व्यवस्था होनी चाहिए थी मजदूरों की वापसी

उन्होंने कहा कि इन मजदूरों को तो रेलवे से निशुल्क वापस भेजना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब मजदूरों से भाड़ा लेने की बात तेजी से फैली तब अपने बचाव में केंद्र सरकार ने कहा कि 85% भाड़ा का वाहन केंद्र सरकार और रेलवे कर रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र को चाहिए था कि सारा भाड़ा खुद वहन करे और मजदूरों को मुफ्त में वापस भेजें.

कांग्रेस अध्यक्ष ने की है पहल, पीएम केअर पर उठाया सवाल

रामेश्वर उरांव ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने भी साफ कहा कि मजदूरों का भाड़ा पार्टी दे. उरांव ने कहा कि राज्य सरकार ने जो अंडरटेकिंग दिया है, उसके अनुसार उन मजदूरों का पैसा देगी. वहीं, पीएम केयर के ऊपर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम केअर फंड में करोड़ों रुपए जमा किए गए हैं. बड़े-बड़े उद्योगपति उस फंड में पैसे जमा कर रहे हैं. उसका कोई हिसाब नहीं है. केंद्र सरकार को भी बताना चाहिए कि फंड में कितना पैसा जमा हुआ और क्या खर्च हुआ. उन्होंने कहा कि यह तो अच्छा मौका था, जब केंद्र सरकार न केवल झारखंड बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी मजदूरों को निशुल्क वापस भेज सकती थी. यह बात समझनी चाहिए कि मजदूर देश बनाते हैं केवल उद्योगपतियों के से देश नहीं बनता है.

6 हजार प्रवासी मजदूर और छात्र लौटें झारखंड

दरअसल, अन्य राज्यों में लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूरों ने दावा किया कि उनके लौटने में टिकट की एवज में पैसे लिए गए हैं. बता दें कि झारखंड में अब तक पांच ट्रेनें आई है. उनमें राजस्थान के कोटा से एक, बेंगलुरु से एक, तेलंगाना से एक और केरल से दो ट्रेनें शामिल हैं. अनुमान के आधार पर छात्रों और प्रवासी मजदूरों समेत लगभग 6,000 लोग इन ट्रेनों से लौटे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details