रांचीःराज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने सोमवार को कहा कि झारखंड के आदिवासी युवाओं को ओला, उबर, मेरु, रैपिडो ओपेन सोर्स प्लेफॉर्म परिवहन सेवा से जोड़कर बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है. अगर सरकार आदिवासी युवाओं को अपना वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी दे और ओला, उबर जैसी विभिन्न ओपेन सोर्स प्लेटफॉर्म परिवहन सेवा देने वाली कंपनियों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें आदिवासी युवाओं को जोड़ने के लिए राजी करे. यह एक बड़ी उपलब्धि होगी. उन्होंने इस आशय का एक पत्र भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को लिखा है.
आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि पिछले दिनों संसदीय गतिविधियों और नीति निर्धारण विषयक मामलों पर शोधपरक कार्य करने वाली संस्था 'स्वनीति' की ओर से आयोजित एक वेबिनार में उन्हें ओपेन सोर्स परिवहन सेवा क्षेत्र में आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के अपार अवसरों के बारे में अवगत कराया. उन्होंने महसूस किया कि प्लेटफॉर्म-आधारित टैक्सी सेवाएं युवाओं के लिए एक मूल्यवान संपत्ति, आत्म सम्मान और नियमित आय का साधन उपलब्ध कराती हैं. भारत में एक उबर ड्राइवर की औसत आय 22,487 रुपये प्रतिमाह है, जो राष्ट्रीय औसत आय से काफी अधिक है.
युवाओं के लिए स्वर्णिम अवसर
महेश पोद्दार ने कहा है कि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा और नौकरी बाजारों तक पहुंच से वंचित समुदाय के लिए आमदनी का यह अवसर एक बड़े सपने के साकार होने जैसा है. शहरी आधुनिक जीवन के प्रति आकर्षित आदिवासी युवाओं के लिए यह एक उत्कृष्ट अवसर है. साथ ही यह राज्य के उन युवाओं के लिए स्वर्णिम अवसर हो सकता है, जो अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर देश के बड़े शहरों में मामूली तनख्वाह पर टैक्सी ड्राईवर की नौकरी करते है. फिलहाल कोरोना की वजह से अपने गांव लौटकर छोटी-मोटी नौकरी तलाश रहे हैं या दुबारा बड़े शहरों का रुख करने की सोच रहे हैं.