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जनता पर दोहरी मार, जेब पर कोरोना के साथ अब महंगाई का भी भार - महंगाई पर लगाम लगाने की मांग

कोरोना काल में एक तो कई लोगों का रोजगार चला गया और अब कोरोना का असर कम होते ही महंगाई बढ़ने लगी है. बाकी कसर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने पूरी कर दी. इन सब के कारण खाद्य तेल और दाल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है, जिससे आम लोगों की परेशानी और भी बढ़ गई है. बढ़ते महंगाई से आम लोगों के साथ-साथ व्यवसायियों पर भी असर पड़ रहा है.

Public upset due to increase in prices of edible oil and pulses in ranchi
बढ़ती महंगाई से जनता परेशान

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Published : Feb 12, 2021, 3:53 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 9:31 AM IST

रांची: कोरोना काल से पहले और कोरोना काल के दौरान खाद्य पदार्थों की जितनी कीमत नहीं बढ़ी थी. उतनी कोरोना संक्रमण काल के बाद बढ़ते दिख रही है, जिसके वजह से महंगाई चरम पर है. बेतहासा बढ़ती महांगाई से आम जनता खासा परेशान है. खाद्य तेल और दाल की कीमतों में हुए भारी इजाफा के वजह से आम लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है और सरकार से वह महंगाई पर लगाम लगाने की गुहार लगा रहे हैं. पेट्रोल और डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. नए साल में पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की है. इससे महंगाई भी बढ़ी हैं. डीजल के दाम बढ़ने से न सिर्फ किसानों की सिंचाई लागत बढ़ जाती है, बल्कि माल भाड़ा महंगा हो जाता है. माल भाड़ा महंगा होने से हर तरह की वस्तुओं के दाम बढ़ने की आशंका रहती है.

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कोरोना संक्रमण काल और पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ने से पहले खाद्य तेल और दाल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. आम लोगों का मानना है कि महंगाई बढ़ी है, लेकिन इनकम नहीं बढ़ पाया है, खाद्य पदार्थों के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि से आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है, जिससे उबरना सब चाहते हैं, लेकिन उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही है. रोज कमाने खाने वाले लोगों पर तो आफत टूट पड़ी है. आज सब्जियों के अलावा किराना सामान और अंडा-मछली जैसे खाद्य पदार्थों के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है. दुकानदार भी बढ़ती महंगाई से परेशान हैं. खाद्य तेल और दाल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर दुकानदार भजनलाल कहते हैं कि कोरोना संक्रमण काल खत्म होने के कगार पर है, लेकिन दाल और तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि ने परेशान कर दिया है, इससे जुड़े व्यवसायी भी परेशान हैं. व्यवसायी उदय बताते हैं कि पहले जहां खाद्य तेल और दाल की बिक्री अधिक होती थी, वहीं अब इसकी बिक्री सिमट गई है, महंगाई बढ़ने से ग्राहक तो परेशान हैं ही, साथ ही इससे जुड़ा व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है.

कोरोना से पहले और वर्तमान कीमतों में अंतर


महंगाई पर लगाम लगाने की मांग

कोरोना संक्रमण की रफ्तार जहां घट रही है. वहीं महंगाई की रफ्तार बढ़ गई है. ऐसे में आम लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. उनका मानना है कि कोरोना के बाद महंगाई ज्यादा बढ़ी है. ऐसे में आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार को बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाना चाहिए.

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सामानों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी

कोरोना काल से पहले जहां सरसों तेल 120 से 125 रुपए लीटर था. वह अब 140 से 150 रुपए लीटर हो गया है. रिफाइंड तेल की कीमत 115 से 135 रुपए हो गया है. अरहड़ दाल 95 से 100 रुपए किलो था. वह अब 110 रुपए हो गया है, जबकि मसूर दाल 55 -60 रुपए की जगह 70 से 75 रुपए किलो हो गया है. चना दाल 60 रुपये से बढ़कर 75 रुपए तक पहुंच गया है. उड़द दाल 80 से 100 रुपए और मूंग दाल 100 से 110 रुपए पहुंच गए हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से खाद्य तेल और दाल की बढ़ी कीमतों ने लोगों की कमर तोड़ दी है.

Last Updated : Feb 13, 2021, 9:31 AM IST

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