रांची :आम लोगों की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम (Apaki Yojana Apaki Aarkar Apake Dwar Karyakram) चला रही है. कार्यक्रम का दूसरा चरण 12 से 22 अक्टूबर तक और 1 से 14 नवंबर तक पूरे राज्य भर में चलेगा. इसके तहत जगह-जगह शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. राजधानी रांची के दीपाटोली बांधगाड़ी में शुक्रवार को लगे ऐसे ही कैंप का संवाददाता भुवन किशोर झा के साथ ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया तो चिंताजनक हकीकत सामने आई.
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भरोसे की कमी या प्रचार की कमीः आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के दूसरे चरण में दीपाटोली बांधगाड़ी में लगे शिविर में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, म्यूटेशन सहित तमाम स्थानीय समस्याओं का समाधान किया जाना है, लेकिन इस कैंप में आम लोगों की उपस्थिति काफी कम दिखी. राजधानी रांची में शुक्रवार को 14 स्थानों पर इस अभियान को लेकर कैंप लगाए गए, लेकिन सभी में कमोबेश यही हाल रहा. रांची नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 5 और 6 में लगाए गए कैंप की भी यही स्थिति बनी रही. वार्ड नंबर 6 के बांधगाड़ी में लगाए गए कैंप स्थल पर जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो कैंप में एक्का- दुक्का लोग ही आते नजर आए. इससे कैंप के प्रचार की कमी या जनता में कैंप पर भरोसे की कमी को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
इसलिए नहीं आ रहे लोगः आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में लोगों की अनुपस्थिति के पीछे का कारण बताते हुए स्थानीय सुजीत कुमार बताते हैं की पिछले अभियान के दौरान लोगों ने जो आवेदन जमा किए गए थे, उस पर कार्रवाई नहीं हुई, जिस वजह से लोग इस बार के कैंप में खास रूचि नहीं ले रहे हैं.
वहीं शिविर में जो इक्का दुक्का लोग आ रहे थे उसमें सबसे अधिक शिकायत जाति प्रमाण पत्र आवास आदि से संबंधित थे. इस कैंप में आवेदन देने पहुंची दीपाटोली की निशा ने कहा कि यह सरकार की अच्छी पहल है और उन्हें उम्मीद है की आवास योजना के तहत उनके जैसे अन्य गरीबों को भी इस कैंप के माध्यम से आवास का लाभ मिलेगा. जाति प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे अविनाश बताते हैं कि उन्होंने पिछली बार ब्लॉक में भी आवेदन किया था लेकिन वहां से रिजेक्ट कर दिया गया. एक बार फिर यह कैंप के माध्यम से कोशिश कर रहे हैं कि उनका प्रमाण पत्र बन जाए.
वार्ड सहायक आनंद खलखो ने कहा कि कैंप में अनुपस्थिति का कारण यह है पिछले कैंप में जो आवेदन पड़े थे उसका समाधान अभी तक नहीं हो पाया है. इस वजह से लोग इसे महज खानापूर्ति मानते हैं. बहरहाल इस अभियान को को लेकर खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीर हैं और लोगों की समस्या का समाधान कराने की पहल कर रहे हैं, जिसके लिए राज्य के सभी डीसी को निर्देश भी दिए गए हैं और स्थानीय स्तर पर लगाए जा रहे कैंप और इसमें आने वाले आवेदन और होने वाली कार्रवाई की मॉनिटरिंग का भी निर्देश दिया है.