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5 साल सत्ता में रहने के बाद मिली करारी शिकस्त, लोगों ने बताई ये वजह - झारखंड चुनाव

5 सालों तक लगातार बहुमत के साथ सरकार में रहने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी और आजसू का जो हश्र हुआ वह पूरा देश देख रहा है. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है इसे जानने के लिए हमारी टीम ईटीवी भारत ने रांची के कई आम लोगों से बात की और इनसे कई मिली-जुली प्रतिक्रियाएं ली हैं.

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Published : Dec 25, 2019, 7:52 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में एक तरफ जहां महागठबंधन ने 81 में से 47 सीटों अपना पर कब्जा जमाया है. तो वहीं, भारतीय जनता पार्टी को इस बार 25 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. जबकि आजसू को मात्र 2 सीटें मिली. बीजेपी की इस करारी हार को लेकर हमारी टीम ईटीवी भारत ने जनता के बीच जाकर उनसे उनकी राय ली और उनसे जानने की कोशिश की कि आखिर बीजेपी इस मोड़ तक क्यों चली आई.

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लोगों का कहना है कि बीजेपी और आजसू ने खुद आत्मघाती निर्णय लिया है. इसी निर्णय के कारण उन्होंने खुद ही सत्ता की चाभी गंठबंधन को सौंपनी पड़ी है. बाहरहाल, इससे भारतीय जनता पार्टी और आजसू को सबक जरूर मिला है. जबकि गठबंधन को झारखंड के इस जीत के बाद एक संजीवनी बूटी मिली है.

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बता दें कि, पिछली बार आजसू-बीजेपी का गठबंधन ने जादुई आंकड़ा पार करते हुए पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाई थी. वह भी 5 सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन साल 2019 के विधानसभा चुनाव में यह दोनों पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़कर एक दूसरे का ही नुकसान कर बैठे और सत्ता से बेदखल हो गए. तो बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के कारण बागी तेवर अपनाकर सरयू राय ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ ही ताल ठोक कर भारतीय जनता पार्टी को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया.

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