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रिम्स की लापरवाही से नहीं शुरू हो रहा PSA प्लांट, मरीजों को ऑक्सीजन मिलने में आ रही रुकावट - oxygen pipe

झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स(rims) में PSA प्लांट चालू नहीं हो रहा है. अभी तक रिम्स ने वार्ड से आने वाली ऑक्सीजन पाइप(oxygen pipe) से प्लांट को जोड़ने वाली पाइप लाइन ही तैयार नहीं हुई है.

PSA plant in rims has not started yet
रिम्स की लापरवाही से नहीं शुरू हो रहा PSA प्लांट, मरीजों को ऑक्सीजन मिलने में आ रही रुकावट

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Published : Jul 6, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 6:21 PM IST

रांची: कोरोना मामलों में भले ही कमी आई हो, लेकिन संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहीं हैं. दूसरी लहर के दौरान हुई ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र की सरकार ने 38 PSA प्लांट झारखंड में स्थापित करने की योजना बनाई है. रिम्स का PSA प्लांट बनकर तैयार भी हो गया है, लेकिन शुरू नहीं हुआ है.

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सात दिन पहले ही हो चुका है PSA प्लांट का ट्रायल

दूसरी लहर के दौरान हुई ऑक्सीजन की कमी और त्राहिमाम स्थिति न हो इसके लिए केंद्र की सरकाए ने 38 PSA प्लांट झारखंड में स्थापित करने की योजना बनाई है. जिसमें से रिम्स का PSA प्लांट बनकर तैयार भी हो गया है. PSA प्लांट का निर्माण करने वाली मुंबई की CMSS कंपनी ने इसका ट्रायल भी कर लिया है, लेकिन अभी इस प्लांट से बेड तक ऑक्सीजन इसलिए नहीं पहुंचा क्योंकि रिम्स ने पाइप लाइन को जोड़ा ही नहीं है.


झारखंड में कुल 38 पीएसए प्लांट(PSA Plant) स्थापित किया जा रहा है. रांची के सदर अस्पताल और रिम्स में तो ये लगभग तैयार हो चुका है और अगर वार्ड से इसका कनेक्शन जोड़ दिया जाए, तो जल्द ही ये अस्पताल में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन पहुंचने लगेगा. रिम्स में तो इतना बड़ा PSA प्लांट (2000 लीटर प्रति मिनट की क्षमता) लग रहा है जो अकेले पूरे अस्पताल की जरूरत को पूरा कर सकता है. रांची जिले में ही सदर अस्पताल, रिम्स और अनुमंडल अस्पताल बेड़ो में PSA प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं.

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क्या होता है पीएसए प्लांट प्लांट

PSA यानि pressure swing adsorption. इस प्लांट की खासियत है कि ये हवा से ऑक्सीजन को लेकर सीधा अस्पतालों में पंप कर देता है. हवा का वो तेज दवाब होता है, जिसमें ऑक्सीजन और नाइट्रोजन समेत कई गैस होती हैं. उनमें से ही ऑक्सीजन को अलग करता है और फिर उसे साफ कर पाइप के माध्यम से मरीजों के बेड तक पहुंचाया जाता है.

रिम्स में 2000 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले PSA प्लांट का निर्माण कर रही निजी एजेंसी मुंबई की CMSS के साइट इंजीनियर अविनाश पांडेय बताते हैं कि उनकी तरफ से काम पूरा हो गया है. जैसे ही रिम्स की ओर से पाइप का कनेक्शन प्लांट तक पहुंचा दिया जाएगा, वैसे ही ये काम करना शुरू कर देगा. रिम्स के अधीक्षक ने कहा कि जल्द ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड को पाइपलाइन के जरिए PSA प्लांट से जोड़ दिया जाएगा.

Last Updated : Jul 6, 2021, 6:21 PM IST

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