रांची:वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बुधवार के वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए झारखंड का बजट पेश किया. इसमें ग्रामीण विकास विभाग के लिए 12924 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में पचार हजार सखीय मंडलों को चक्रीय निधि और 20 हजार सखी मंडलों को सामुदायिक निधि उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है.
आजीविका संवर्धन हुनर अभियान
इसके जरिए राज्य सरकार ने 20.8 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा है. अगले वित्तीय वर्ष में 26 लाख अतिरिक्त परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. अनुदान और प्रशिक्षण के साथ सखी मंडलों की तरफ से निर्मित उत्पादों को पलाश ब्रांड के जरिए एक नई पहचान देकर करीब दो लाख ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित की जा रही है. अब तक करीब एक लाख करोड़ का कारोबार किया गया है. आगामी वर्ष में इस योजना का तेजी से विस्तार होगा.
जोहार परियोजना
इसके अंतर्गत अब तक 3921 उत्पादक समूह बनाए गए हैं. इसके माध्यम से 2 लाख 13 हजार परिवारों को विभिन्न उत्पादनों के लिए जोड़ा गया है. 2021-22 में कुल 4 हजार उत्पादक समूह का निर्माण किया जाना है. इसके माध्यम से 2 लाख 10 हजार परिवारों को विभिन्न उत्पादनों से जोड़ने की योजना है.
फुलो झानों आशीर्वाद अभियान
फुलो झानों आशीर्वाद अभियानके अंतर्गत 15,063 महिलाओं को 4 महीने में हड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री के कार्य से मुक्त कराया गया और विभिन्न साधनों से जोड़ा गया है. इस साल बाकी महिलाओं को भी आजीविका के विभिन्न साधनों से जोड़ा जाएगा.
1100 लाख मानव दिवस का सृजन होगा
मनरेगा योजना प्रारंभ होने के बाद पहली बार राज्य में मानव दिवस सृजन के लक्ष्य का तीन बार पुनरीक्षण किया जा रहा है. 2021-22 में 1100 लाख मानव दिवस का सृजन किया जाएगा. इसकी प्रस्तावित बजट राशि 2770 करोड़ रुपए होगी. गरीब ग्रामीण और आदिवासियों के जीवन स्तर को बेहतर करने के उद्देश्य से 6 जिलों में लैंड एंड वाटर ट्रीटमेंट का काम शुरू किया जाएगा. इसमें गुमला, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, पाकुड़, साहेबगंज और गोड्डा शामिल है.
बिरसा हरित ग्राम योजना
बिरसा हरित ग्राम योजना के योजना के अंतर्गत 2021-22 में 25 हजार एकड़ जमीन पर काम करने का लक्ष्य रखा गया है.
नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना
नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत एक लाख 12 हजार हेक्टेयर जमीन का उपचार किया जा चुका है. 2021-22 में एक लाख हेक्टेयर भूमि उपचार का लक्ष्य रखा गया है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के अंतर्गत 23 हजार 331 आवास पूर्ण किया गया है. 2021-22 में तीन हजार नए आवास बनाने का लक्ष्य है. पक्का आवास की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए 2021-22 में 2 लाख 45 हजार नए आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में 2 हजार किलोमीटर पथ निर्माण और 250 पुल को पूरा करने का लक्ष्य है.