रांचीः झारखंड में सीएनटी एसपीटी एक्ट का कठोरता से पालन कराने और विस्थापितों को हक दिलाने की मांग को लेकर आदिवासी समाज 23 मार्च को विधानसभा का घेराव करेगा. इसको लेकर तमाम आदिवासी संगठनों ने रणनीति तैयार कर ली है. आदिवासी समाज के विधानसभा घेराव के आह्वान में हजारों की संख्या में आदिवासियों के शामिल होने की आशंका है.
आदिवासी संगठन 23 मार्च को घेरेंगे विधानसभा, पूर्व मंत्री बोले- आदिवासियों के धार्मिक स्थलों की जमीन लूट रही सरकार - protest of jharkhand tribal community
झारखंड में सीएनटी एसपीटी एक्ट का कठोरता से पालन कराने की मांग को लेकर आदिवासी संगठन आंदोलित हैं. इसको लेकर कई आदिवासी संगठन बुधवार को झारखंड विधानसभा का घेराव करेंगे.
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बता दें कि झारखंड के तमाम आदिवासी संगठन सीएनटी एसपीटी एक्ट को लागू करने में हीलाहवाली का आरोप लगाते रहे हैं. उनका आरोप है कि राज्य में आदिवासियों की जमीन खुर्दबुर्द हो रही है. इसी को लेकर उन्होंने सरकार को घेरने की तैयारी की है. आदिवासी संगठनों का कहना है कि राज्य में सीएनटी एसपीटी कानून का खुला उल्लंघन किया जा रहा है और मौजूदा सरकार इसको रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.
विधानसभा घेराव का नेतृत्व कर रहे पूर्व मंत्री देव कुमार धान ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों की एकमात्र संपत्ति जमीन है, जिसके सुरक्षा कवच के रूप में यहां सीएनटी एसपीटी एक्ट लागू है. इसके बावजूद आदिवासियों की खतियानी जमीन के अलावा सामाजिक धार्मिक जमीन की लूट धड़ल्ले से जारी है. जिस पर रोक लगाने की मांग की जा रही है. साथ ही चान्हो में साढ़े 51 एकड़ जमीन वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित है, जिसकी बंदोबस्ती कराने की मांग सरकार से की जा रही है.