रांची: झारखंड राज्य वन सेवा संघ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को डोरंडा स्थित उर्स मैदान में प्रदर्शन किया. इस दौरान झारखंड राज्य वन सेवा संघ के सदस्यों ने वनपाल और वनरक्षकों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया.
झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ अपनी मांगों को लेकर सरकार के समझ धरना प्रदर्शन कर रही है. इनके मुख्य मांगों में नवनियुक्त वनरक्षकों को बिहार झारखंड सेवा संहिता में निहित प्रावधानों के प्रथम वर्ष वेतन वृद्धि का लाभ देते हुए 3 वर्षों की लगातार सेवा पूर्ण होने पर सेवा सम्पुष्ट करा देना है, जबकि पलामू टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट के लातेहार और गढ़वा में कार्यरत कुछ नवनियुक्त वन आरक्षियों को इसका लाभ दिया गया है. वहीं कुछ लोगों को विभागीय परीक्षा के नाम पर लाभ से वंचित कर दिया गया है.
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झारखंड राज्य वन सेवा संघ के महामंत्री शिवनारायण महतो ने बताया कि वनरक्षी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भी विभागीय परीक्षा में हिंदी और जनजातीय विषय की परीक्षा पास किए हैं. इसके बावजूद विभाग की ओर से नियमावली में गलत व्याख्या कर 4 जनवरी 2020 को परीक्षा आयोजित की गई. जिसमें लगभग 1800 छात्रों की जगह मात्र 275 छात्र परीक्षा में शामिल हुए. उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ भी दिया गया है, जो बिल्कुल गलत है. वेतन वृद्धि और सेवा संतुष्टि के लिए किसी भी प्रकार से कोई भी विभाग में विभागीय परीक्षा नहीं देना पड़ता है. इन तमाम परेशानियों को लेकर वन भवन मुख्यालय में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है.
बता दें कि झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ का धरना प्रदर्शन रांची के डोरंडा से मुख्यालय तक जाना था, लेकिन शहर में धारा-144 लागू होने के कारण यह प्रदर्शन डोरंडा में ही किया गया. संघ के सदस्यों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो आगे उग्र आंदोलन करेंगे.