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आरयू में बनेगा मेडिकल कॉलेज, RIMS को चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाने की सुगबुगाहट तेज - रांची विश्वविद्यालय

रांची के नक्शे में जल्द ही एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के साथ चिकित्सा विश्वविद्यालय भी नजर आएगा. रांची विश्वविद्यालय अपने परिसर में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी में जुटा है तो रिम्स प्रबंधन ने मेडिकल कॉलेज को चिकित्सा विश्वविद्यालय बनवाने की कवायद तेज कर दी है. आरयू की सिंडिकेट ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है. वहीं रिम्स प्रबंधन की ओर से भी कवायद की जा रही है.

Proposal to set up medical college in RU campus is ready
आरयू में बनेगा मेडिकल कॉलेज

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Published : Mar 18, 2021, 4:28 AM IST

Updated : Mar 18, 2021, 12:15 PM IST

रांचीःयोजनाएं परवान चढ़ीं तो राजधानी में सरकारी मेडिकल कॉलेज के साथ, अलग चिकित्सा विश्वविद्यालय भी बनेगा. इससे राजधानी के आम लोगों के साथ प्रदेश भर के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सकेगी. इसी सोच के तहत रांची विश्वविद्यालय (RU) अपने अधीन परिसर में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद में जुटा है. इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर में ही खाली पड़ी जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम के मुताबिक एक किलोमीटर के दायरे में अस्पताल होने पर मेडिकल कॉलेज बनाया जा सकता है और विश्वविद्यालय प्रबंधन की नजर सदर अस्पताल पर है, जो विश्वविद्यालय परिसर के एक किलोमीटर की परिधि में है. इसी के साथ राज्य के सबसे बड़े अस्पताल आरआईएमएसएच यानी राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल को स्वतंत्र रूप से ऑटोनॉमस बॉडी बनाने की सुगबुगाहट फिर तेज हो गई है. यानी इसे स्वतंत्र चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाने की योजना बनाई जा रही है.

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रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने तैयार किया प्रस्ताव

बता दें कि रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने विश्वविद्यालय परिसर में ही एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया है. फिलहाल इन दोनों मामलों को लेकर राजधानी में चर्चाएं जोरों पर हैं. दोनों मामलों को जानने वाले अफसरों का कहना है कि दोनों ही मामलों में फिलहाल सहमति बनती नजर आ रही है. इससे राजधानी की चिकित्सा सेवा चुस्त-दुरुस्त करने में मदद मिलेगी.



रिम्स में रोजाना आते हैं 5000 से अधिक मरीज

रिम्स रांची विश्वविद्यालय से संबद्ध है. यह मेडिकल कॉलेज राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है. रोजाना इस अस्पताल में झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों समेत राज्य भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. रिम्स से मिले आंकड़ों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में रोजाना पांच हजार मरीज ओपीडी और अन्य इलाज के लिए पहुंचते हैं. इस अस्पताल की क्षमता 1500 बेड है.

रिम्स को फैसले लेने में रहना पड़ता है निर्भर

रिम्स में एमबीबीएस के साथ डेंटल की पढ़ाई भी होती हैं . हालांकि कॉलेज के रांची विश्वविद्यालय से संबद्ध होने के कारण कई निर्णय में कॉलेज प्रबंधन को विश्वविद्यालय पर निर्भर रहना पड़ता है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन स्वतंत्र होकर निर्णय नहीं ले पाता है. इस दिक्कत को दूर करने के लिए अक्सर इसे स्वायत्तशासी निकाय बनाने की चर्चा होती रहती है. एक बार फिर इस कॉलेज और अस्पताल को पूरी तरह ऑटोनॉमस बॉडी बनाने को लेकर चर्चाएं शुरू हुईं हैं. रिम्स प्रबंधन के साथ स्वास्थ्य महकमे में भी इस अस्पताल और कॉलेज को स्वतंत्र विश्वविद्यालय बनाने को लेकर मांग उठाई जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है रिम्स के ऑटोनोमस बॉडी बनने से कॉलेज में चिकित्सा सेवा बेहतर होगी. यह मेडिकल कॉलेज ऑटोनॉमस बन जाता है तो एक बेहतर मेडिकल विश्वविद्यालय बनाने में सुविधा होगी.

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...तो जुड़ेंगे मेडिकल से जुड़े सभी कॉलेज

रिम्स के विश्वविद्यालय बनने का पूरा फायदा हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों और इस कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिलेगा. इसके अधीन कई कॉलेज होंगे जिसमें डेंटल कॉलेज, पारा मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और मेडिकल की पढ़ाई से जुड़े कई क्षेत्र के कॉलेज भी इसमें समाहित हो जाएंगे.एक बार फिर रिम्स की ओर से इसके लिए प्रयास तेज किए गए हैं. रिम्स प्रबंधन का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो आने वाले समय में रिम्स के साथ-साथ मेडिकल के क्षेत्र में इस राज्य का भविष्य उज्ज्वल होगा.


विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग के साथ शुरू की चर्चा

दूसरी ओर रांची विश्वविद्यालय भी खुद एक मेडिकल कॉलेज शुरू करना चाहता है. विश्वविद्यालय ने इसे लेकर एक प्रस्ताव भी तैयार किया है. सिंडिकेट की बैठक में इस निर्णय पर सहमति भी बन गई है. आरयू अपनी ही एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग के पीछे खाली पड़े स्थान पर एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करना चाहता है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की शर्त है कि अगर किसी विश्वविद्यालय के एक किलोमीटर के दायरे में कोई सरकारी अस्पताल है, जो बेहतर अवस्था में है तो विश्वविद्यालय मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर स्वतंत्र है. रांची विश्वविद्यालय के एक किलोमीटर के दायरे में सदर अस्पताल है, जो फिलहाल 200 बेड के क्षमता का है. जल्द ही यह अस्पताल 500 बेड से सुसज्जित हो जाएगा. इसे लेकर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयारी कर रखी है. सुसज्जित अत्याधुनिक उपकरणों से लैस एक बिल्डिंग भी इस अस्पताल के पास है. ऐसे में रांची विश्वविद्यालय का मानना है की सदर अस्पताल को अपने अंदर समाहित कर एक बेहतर मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है. इसे लेकर प्रस्ताव तैयार है. राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के साथ मामले को लेकर चर्चाएं भी शुरू हो चुकी है.

Last Updated : Mar 18, 2021, 12:15 PM IST

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