झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की मांग पर कटौती प्रस्ताव, कई विधायकों ने रखा अपना पक्ष - कृषि

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की मांग पर कटौती प्रस्ताव को लेकर झारखंड विधानसभा में चर्चा हुई. कुछ विधायकों ने कटौती प्रस्तवा दिया था जिसे बाद में वापस ले लिया गया. कई विधायकों ने इन विभागों को लेकर अपना पक्ष रखा.

Department of Agriculture, Animal Husbandry and Cooperation
डिजाइन इमेज

By

Published : Mar 6, 2020, 11:08 PM IST

रांची: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अनुदान मांग पर वाद विवाद के दौरान कटौती प्रस्ताव लाने वाले भाकपा माले विधायक बिनोद सिंह ने कई मसलों को उठाया. उन्होंने किसानों की आत्महत्या का उठाते हुए कहा कि सरकार को पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तरी छोटानागपुर की सिचाई व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है. इसपर ध्यान देना चाहिए.

विधानसभा में विधायक बिनोद सिंह

उन्होंने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के रिपोर्ट के मुताबिक 12 जिलों की उर्वरता बहुत कम है. लिहाजा, इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए. बिनोद सिंह ने कहा कि गैस पाइप लाइन के कारण बड़ी संख्या में किसान प्रभावित हुए हैं. उन्हें संबंधित जमीन पर न चापाकल गाड़ने की अनुमति मिलती है और न मकान बनाने की. इस समस्या का समाधान होना चाहिए. किसानों की जो जमीन अधिग्रहित की गई है लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हुआ है उसे किसानों को लौटाना चाहिए. छोटे किसानों को सुलभ कर्ज मुहैया कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए.

प्रदीप यादव ने क्या कहा

विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि झारखंड में इस विभाग की महत्ता सबसे ज्यादा है क्योंकि सबसे बड़ी आबादी कृषि पर आश्रित है. उद्योग से सिर्फ 3 प्रतिशत लोगों को रोजगार मिलता है 13 से 14 प्रतिशत लोगों को. उन्होंने सरकार द्वारा किसानों के कर्ज माफी की दिशा में उठाए गए कदम की सराहना की. साथ ही बीज ग्राम के नाम पर हुए घोटाले की जांच का मुद्दा उठाया.

विधानसभा में विधायक प्रदीप यादव

प्रदीप यादव ने कहा कि किसानों को वक्त पर बीज नहीं मिलता जबकि अधिकारियों की मिलीभगत से बीज ग्राम के जरिए किसानों के ही बीज खरीदकर बोरियों पर लेबल लगाकर महंगे दाम पर बेचा जाता है. उन्होंने एजी की रिपोर्ट का भी जिक्र किया. जिसके मुताबिक दुधारू जानवर के लिए पौष्टिक मिक्चर की खरीददारी के नाम पर 2012 से 17 के बीच करोड़ों का घपला हुआ. झारखंड मिल्क फेडरेशन की भूमिका पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि किसानों से 26 रुपए प्रति लीटर की दर से दूध खरीदा जाता है और उसे 40 रुपए से ज्यादा प्रति लीटर की दर से बेचा जाता है. ट्रैक से उतरा हुआ है कृषि विभाग. हर योजना में है घोटाता, बिचौलिया हावी हैं. अधिकारियों की मिलीभगत से किसान परेशान हैं.

सरयू राय ने क्या कहा

सरयू राय ने कहा कि पिछले 2 वर्षों से कृषि उत्पादन घट रहा है. यह चिंता का विषय है. हेमंत जी ने बादल को कृषि विभाग सौंपा है. लिहाजा, बादल खूब उमड़े-घूमड़े और बरसे भी. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने गायों का वितरण किया था. क्या दुग्ध उत्पादन की बढ़ोतरी में उसकी कोई भूमिका रही या नहीं. इसका आंकलन करना जरूरी है. सरयू राय ने जैविक कृषि को बढ़ावा देने का सुझाव दिया. उन्होंने कृषि आयोग के गठन का भी सुझाव दिया.

विधानसभा में विधायक सरयू राय

बंधु तिर्की समेत कई विधायकों ने रखा अपना पक्ष

विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि प्रमंडलवार अध्ययन के बाद कृषि से जुड़ी योजनाओं को तैयार करना चाहिए. उन्होंने बाजार समिति में हावी बिचौलियों का भी मामला उठाया. बंधु तिर्की ने सहकारिता विभाग को सशक्त करने, को-ऑपरेटिव बैंक और लैंपस को दुरूस्त करने का सुझाव दिया. उन्होंने इस बात को उठाया कि सिमडेगा के ठेठईटांगर में आस्ट्रेलियन नस्ल की गायों का वितरण करना कितना उचित है.

विधानसभा में विधायक बंधु तिर्की

उन्होंने कहा कि एकीकृत बिहार के वक्त 1989 में कृषि इंजीनियरों की बहाली हुई थी. उसके बाद आजतक एक भी बहाली नहीं हुई. विधायक बैद्यनाथ राम ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि खेती के प्रति लोगों का रूझान कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि बीज के वितरण में भी बड़ी धांधली होती है. वहीं, खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने जैविक खेती पर जोर देने और सीढ़िनुमा खेत के उपरी हिस्से में तालाब निर्माण कराने का सुझाव दिया. उन्होंने छठी जेपीएससी परीक्षा को भी रद्दा करने की मांग रखी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details