रांचीः राज्य में विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर कार्यरत सहायक प्राध्यापकों की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. इस सहायक प्राध्यापकों को 2 साल से मानदेय नहीं मिला है. इसकी वजह विभागीय विसंगतियां है. लेकिन संबंधित विभाग विसंगतियों को दूर नहीं कर रही है, जिससे विश्वविद्यालय की ओर इन प्राध्यापकों का मानदेय क्लियर नहीं किया जा रहा है. इसके विरोध में बुधवार को अनुबंध पर बहाल प्रोफेसरों ने काला पट्टा लगाकर क्लास रहे हैं.
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राज्य के सात विश्वविद्यालयों में स्थायी प्रोफेसरों की जगह अनुबंध पर बहाली की गई, जिससे विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन का काम सुचारू रूप से चल रहा है. विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अनुबंध पर 900 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की गई है. लेकिन कोरोना काल के समय से ही इन प्रोफेसरों को मानदेय समय पर नहीं दिया जा रहा है. राजभवन की ओर से भी सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि अनुबंध पर बहाल प्रोफेसरों को समय पर मानदेय दें. इसके बावजूद विश्वविद्यालयों की ओर से उनका मानदेय क्लियर नहीं किया जा रहा है.