झारखंड

jharkhand

By

Published : Mar 15, 2021, 9:43 PM IST

ETV Bharat / state

दिसंबर से शुरू होगा सिंदरी खाद कारखाने में उत्पादन, 1,500 से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार

झारखंड के सिंदरी स्थित ऊर्वरक संयंत्र से इसी साल दिसंबर से उत्पादन शुरू हो जाएगा. सिंदरी खाद कारखाने में उत्पादन शुरू होने से 1,500 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के सवाल का जवाब देते हुए यह बातें कही.

दिसंबर से शुरू होगा सिंदरी खाद कारखाने में उत्पादन
Sindri fertilizer factory

रांची:झारखंड के सिंदरी स्थित ऊर्वरक संयंत्र से इसी साल दिसंबर से उत्पादन शुरू हो जाएगा. सिंदरी खाद कारखाने में उत्पादन शुरू होने से 1500 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. राज्‍यसभा में सांसद महेश पोद्दार के सवाल का जवाब देते हुए रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बताया कि मोदी सरकार ने उर्वरक उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भरता प्राप्‍त करने के लिए एचयूआरएल के बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों से फिर से उत्‍पादन शुरू करने की पहल की है. सरकार ने गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी में 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष क्षमता के गैस आधारित यूरिया संयंत्रों की स्‍थापना करके उत्‍पादन फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है.

यह भी पढ़ें:यू-ट्यूब, पेन ड्राइव, गूगल के दौर में विरासत को संभाल रखे हैं त्रिलोचन, रील कैसेट पर सुनते हैं पुराने गाने

नेफ्था की जगह प्राकृतिक गैस के प्रयोग का निर्णय

सांसद महेश पोद्दार के एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए सदानंद गौड़ा ने बताया कि सरकार ने देश में उर्वरक संयंत्रों में ईंधन के रूप में नेफ्था के स्‍थान पर प्राकृतिक गैस के प्रयोग का निर्णय लिया है. फिलहाल 30 ऊर्वरक संयंत्रों में नेफ्था की जगह प्राकृतिक गैस का प्रयोग शुरू हो गया है. एक अन्य ऊर्वरक संयंत्र सॉदर्न पेट्रोकेमिकल्‍स इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड, तूतीकोरिन, तमिलनाडु का संयंत्र भी प्राकृतिक गैस के प्रयोग के लिए तैयार हो गया है.

मंत्री ने बताया कि नेफ्था के स्थान पर प्राकृतिक गैस का प्रयोग उत्पादन की लागत को कम करता है. साथ ही प्राकृतिक गैस का प्रयोग शुरू करने के बाद कुछ संयंत्रों में वाष्प कार्बन अनुपात 3.3 से घटकर 3.0 हो गया है, जिससे पर्यावरण में कार्बन कम हुआ है. अमोनिया और यूरिया के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा के स्तर में भी कमी आई है. उच्च गंधक युक्त फीडस्टॉक के स्थान पर पारिस्थितिकी अनुकूल फीडस्टॉक के प्रयोग से अधिक स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित होता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details