रांचीः बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने वेल में आकर जोरदार हंगामा किया. भानु प्रताप शाही और मनीष जायसवाल ने नियोजन नीति रद्द किए जाने के मामले को गंभीर बताते हुए कार्य स्थगन लाकर विशेष चर्चा की मांग की. जबकि अनंत ओझा ने 14वें वित्त आयोग के अनुबंध कर्मियों समेत घंटी आधारित प्राध्यापकों और अन्य अनुबंधकर्मियों की मांगों पर कार्यस्थगन लाया. उनकी मांग पर स्पीकर ने कहा कि चलते हुए सत्र में तमाम मामलों पर विचार संभव है. यह कहकर उन्होंने कार्य स्थगन के प्रस्ताव को अमान्य करार दिया.
बजट सत्रः बीजेपी के जोरदार हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश, कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्पीकर ने ठुकराया
जट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने वेल में आकर जोरदार हंगामा किया. भानु प्रताप शाही और मनीष जायसवाल ने नियोजन नीति रद्द किए जाने के मामले को गंभीर बताते हुए कार्य स्थगन लाकर विशेष चर्चा की मांग की. स्पीकर ने उनके प्रस्ताव को अमान्य करार दिय.
कार्यस्थगन प्रस्ताव अमान्य होते ही भाजपा के तमाम विधायक वेल में आ गए और टेबल की परिक्रमा करने लगे. मेज थपथपाते हुए विरोध दर्ज कराया. हंगामे के बीच स्पीकर ने अल्पसूचित प्रश्न लेने की कोशिश की. सरयू राय ने सेंचुरी के संरक्षण का मामला उठाया. इस पर प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर के जवाब पर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया. प्रदीप यादव ने लंबित प्रोन्नति का मामला उठाया. इस बीच स्पीकर ने तारांकित प्रश्न लेना शुरू किया. पहला प्रश्न भाजपा विधायक सीपी सिंह को पूछना था. सीपी सिंह ने कहा कि निकम्मी सरकार से सही जवाब की उम्मीद नहीं की जा सकती. इसलिए प्रश्न नहीं करना चाहता हूं. अनंत ओझा ने भी अपने प्रश्न पूछने के बजाय नियोजन नीति पर चर्चा की मांग की. हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.