रांची: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. लोकतंत्र बनाम कांग्रेस विषय पर बात रखते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस के गठबंधन की ओर से शासित राज्यों में हालात आपातकाल जैसे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस की सरकार ने महाराष्ट्र में अर्नब गोस्वामी के साथ जो व्यवहार किया है, यह आपातकाल को दोहराने जैसा है. उन्होंने घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से अर्नब गोस्वामी केस पर जवाब मांगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दुमका में पत्रकारों को नोटिस दिया गया है, मुख्यमंत्री इसका भी जवाब दें.
कांग्रेस चाहती है कि प्रेस सत्ता के पीछे चलेःदीपक प्रकाशप्रेस कॉन्फ्रेंस में दीपक प्रकाश ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि प्रेस सत्ता के पीछे चले. उन्होंने कहा कि 26 जून 1975 को कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाया, भारत चीन के बीच युद्ध के दौरान भी जब पत्रकार हकीकत सामने लाने लगे तो उनके खिलाफ करवाई की गई. कांग्रेस हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ रही है. उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र पर हमला हुआ, तब-तब सरकार में कांग्रेस रही है.
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दीपक प्रकाश बोले- दुमका की घटना पर चुप क्यों हैं उरांव
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि झारखण्ड में भी पत्रकारों के साथ घटनाएं हो रहीं हैं. उनका आरोप है कि सरकार के खिलाफ होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल पत्रकारों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नोटिस भेजते हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री भी कांग्रेस की संगत में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की घटना को भाजपा ने गंभीरता से लिया है, लेकिन कांग्रेस चुप्पी साधे हुए हैं. वहीं दुमका की घटना को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव 'मौनी बाबा' बन गए हैं.
विशेष सत्र पर आठ को भाजपा करेगी फैसला
सरना धर्म कोड को लेकर बुलाए गए विधानसभा विशेष सत्र के मामले पर कहा कि पहले मुख्यमंत्री को कांग्रेस से निपट लेना चाहिए, क्योंकि वर्ष 2013 में कांग्रेस के मंत्रियों ने ही कहा था कि यह संभव नहीं है. उन्होंने केरल बनाम चन्द्रमोहनम के सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए कहा कि जो आदिवासी परंपरा को छोड़कर दूसरे धर्म में जाएगा, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस जजमेंट को राज्य में भी लागू करें. वहीं उन्होंने कहा कि 8 नवंबर को भाजपा कोर कमेटी की बैठक में विधानसभा के विषय सरना धर्म कोड पर चर्चा कर पार्टी निर्णय लेगी.