रांचीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं से अनुसंधान पर जोर देने की अपील की है. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान रांची के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्चतर शिक्षा में नवाचार और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया गया है. ऐसे में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान रांची जैसी अन्य संस्थानों को भी उच्च शिक्षा में अनुसंधान पर जोर देना चाहिए.
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राजधानी के नामकुम स्थित जेयूटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पदक पाने वाले 10 विद्यार्थियों में 8 लड़कियों के होने पर खुशी जताते हुए उपस्थित लोगों से ताली बजाकर इन्हें बधाई देने को कहा. उन्होंने कहा कि लड़कियों ने यह साबित कर दिया है कि वो किसी से कम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पदक विजेताओं में लड़कियों का ज्यादा होना संस्थान में लड़कियों की संख्या बढायेगा.
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पदक पाने वाले विद्यार्थियों, अभिभावकों और संस्थान के शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि स्टार्टअप और डिजिटल के क्षेत्र में देश ने अभूतपूर्व प्रगति की है जिसकी सराहना दुनिया में हो रही है. आईआईआईटी रांची के दीक्षांत समारोह में 109 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई, जिसमें सांकेतिक रुप से 10 स्टूडेंट्स को राष्ट्रपति के हाथों सम्मान दिया गया. इस संस्थान के द्वारा 2019-23 सत्र के बीटेक के 102 विद्यार्थी, 2021- 23 सत्र के एमटेक के 6 छात्र और पीएचडी के एक छात्र को डिग्री प्रदान किया गया है.
इस दीक्षांत समारोह को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए पदक पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस अवसर पर संस्थान के द्वारा कम समय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए बधाई देते हुए कहा कि तकनीकी युग में विद्यार्थियों को टेक्नोलॉजी से संबंधित शिक्षा को प्राथमिकता में रखने का भारत सरकार का सोच है इसे पूरा करने में यह संस्थान जरुर सफल होगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति हमारे लिए बेहद ही खुशी की बात है. झारखंड में खनिज उद्योग के साथ साथ शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा से बेहतर कार्य होते रहे हैं.आईएसएम जैसी संस्थान हों या बीआईटी मेसरा, बीआईटी सिंदरी, आईआईएम जैसी शैक्षणिक संस्थान इसी राज्य में है और उसी कड़ी में ट्रिपल आईटी भी हुआ. यह खुशी की बात है कि झारखंड के बच्चों ने शिक्षा के क्षेत्र में देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. सिविल सर्विसेज में भी यहां के बच्चों ने अव्वल स्थान पाया है.
वर्तमान समय टेक्नोलॉजी का है- सीएमः आज का समय टेक्नोलॉजी का है और ढेरों कंपनियां इस दिशा में काम कर रही है. एक समय था कि जब कागज बनाने से लेकर हर उद्योग में स्किल्ड मजदूर काम करते थे मगर मशीनीकरण के इस युग में अब सारी चीजें ऑटोमैटिक मशीन के द्वारा होने लगी हैं, ऐसे में टेक्नोलॉजी का काफी महत्व है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने डिजिटल स्किल्ड यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया है, जिस पर 300 से 400 करोड़ की लागत आएगी.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पदक पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि आपने जो तकनीकी शिक्षा यहां से ग्रहण की है उसका लाभ आपको और देश को जरूर प्राप्त होगा. जेयूटी सभागार नामकुम में आयोजित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान यानी IIIT रांची के द्वितीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान रांची के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक अरुण जैन और निदेशक विष्णु प्रिये सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.