झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने गरीबों को न्याय नहीं मिलने पर जतायी चिंता, न्यायपालिका को कारगर कदम उठाने का दिया सुझाव - सुप्रीम कोर्ट के जज अनिरुद्ध बोस

न्यायालयों से फैसला सुनाए जाने के बावजूद पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि गरीब और निरक्षर लोग कई बार फैसला आने पर खुश नहीं होते, क्योंकि उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है. उन्हें नहीं पता होता है कि आगे कहां अपील करना है. राष्ट्रपति ने इस ओर न्यायपालिका से कारगर कदम उठाने का सुझाव दिया है.

http://10.10.50.75//jharkhand/24-May-2023/jh-ran-03-highcourt-building-inaguration-7209874_24052023205628_2405f_1684941988_250.jpg
Draupadi Murmu Expressed Concern Over Poor

By

Published : May 24, 2023, 10:57 PM IST

रांचीःराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायालय के द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने पर चिंता जताते हुए न्यायपालिका से इस पर कारगर कदम उठाने का सुझाव दिया है. झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरे पास कई ऐसे लोग आते हैं जो लंबी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद कोर्ट से मुकदमा तो जीत जाते हैं, लेकिन उन्हें उसका लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में वह फिर अवमानना वाद दायर करने से भी हिचकते हैं. उन्हें जानकारी भी नहीं होती है कि आखिरकार कब उन्हें न्याय मिलेगा. इस मौके पर राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के द्वारा हिंदी में दिए गए संबोधन की सराहना करते हुए कहा कि जब हम अंग्रेजी के अलावे न्यायिक व्यवस्था में अन्य भाषा खासकर क्षेत्रीय भाषा पर जोर दे रहे हैं तो ऐसे में भारत के मुख्य न्यायाधीश का यह प्रयास सराहनीय है.

ये भी पढे़ं-सुप्रीम कोर्ट से ऊपर भी कोई कोर्ट है क्या, चीफ जस्टिस साहब बताइए लोग जाएं तो जाएं कहां: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

वरीय न्यायिक सेवा में एसटी को मिले आरक्षणःराजधानी रांची के धुर्वा में बने 165 एकड़ में झारखंड हाईकोर्ट के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य में वरीय न्यायिक सेवा में आदिवासी की नगण्य उपस्थिति एक चिंता का विषय है. इस सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया है. क्योंकि इसी सेवा से उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किए जाते हैं. इसलिए उच्च न्यायालय में भी वही स्थिति है. मैं चाहूंगा कि इस आदिवासी बहुल्य राज्य में वरीय न्यायिक सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान किया जाए. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 26 नवंबर, 2022 को संविधान दिवस के अवसर पर माननीय राष्ट्रपति महोदया द्वारा पूरे देश के जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की गई थी. झारखंड में भी छोटे-छोटे अपराधों के लिए बड़ी संख्या में गरीब आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग के लोग जेलों में कैद हैं. यह चिंता का विषय है. इस पर गंभीर मंथन की जरूरत है.

देश का सबसे बड़ा न्यायिक परिसर है झारखंड हाईकोर्टःदेश का सबसे बड़ा न्यायिक परिसर झारखंड उच्च न्यायालय का है. जिसका लोकार्पण बुधवार 24 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया है. राजधानी रांची के धुर्वा में बने झारखंड हाईकोर्ट के इस नई बिल्डिंग और परिसर के उद्घाटन के अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंदचूड़, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सुप्रीम कोर्ट के जज अनिरुद्ध बोस के अलावे बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे. आगंतुक अतिथियों का स्वागत झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा ने किया.

न्यायालयों में लंबित मुकदमों पर चिंता जताईः इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ में हिंदी में संबोधित करते हुए न्यायालयों में लंबित मुकदमों पर चिंता जताई. साथ ही इस के निष्पादन के लिए किए जा रहे प्रयास की चर्चा की. उन्होंने कहा कि छोटे-मोटे अपराध में जेल जाने वाले बंदी को समय से न्याय नहीं मिलेगा तो उनको न्यायपालिका के प्रति आस्था कैसे बनेगी. उन्होंने कहा कि न्यायालयों में पैसों के बारे में जानकारी मिले, समय पर न्याय मिले, कचहरी में महिलाओं के लिए शौचालय हो, कचहरी के आसपास शुद्ध भोजन लोगों को मिले ऐसी व्यवस्था हमें करनी होगी. सीजेआई ने कहा कि स्थानीय भाषा में न्यायपालिका का कार्य हो इसके लिए प्रयास किए गए हैं.

न्यायिक व्यवस्था में सुधार और ई-कोर्ट की चर्चाःइस मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संबोधित करते हुए न्यायिक व्यवस्था में चल रहे सुधार और ई-कोर्ट के माध्यम से भविष्य में न्यायालय को मिलनेवाली अत्यधिक सुविधा की विस्तार से चर्चा की. बताते चलें कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस झारखंड हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग में 25 कोर्ट रूम के अलावे अधिवक्ताओं के बैठने की सुविधा के साथ-साथ निर्बाध बिजली और वाईफाई के साथ ग्रीन बिल्डिंग बनाया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details