जानकारी देते संवाददाता हितेश कुमार चौधरी रांची: सावन आने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. सावन में भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. इसे देखेते हुए मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की ओर से तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. रांची के पहाड़ी मंदिर में भी सारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और बाकि बची हुई तैयारियों को अंतिम रूप देने में मंदिर प्रबंधन जुटा हुआ है. इस बार दान दक्षिणा के लिए भी पहाड़ी मंदिर में अलग तैयारी की गई है.
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दरअसल, इस बार का सावन बेहद खास सावन है, क्योंकि इस बार का सावन एक महीने की जगह दो महीने का वाला है. 4 जुलाई को शुरू होने वाला श्रावण मेले की शुरुआत को लेकर पंडितों ने बताया कि इस वर्ष के सावन पूजा का संयोग बहुत ही बेहतर है. पंडित किसलय त्रिपाठी बताते हैं कि इस वर्ष के सावन का संयोग 19 वर्ष के बाद आया है. अमूमन हर वर्ष एक महीने का ही सावन होता है और भक्तों को चार सोमवारी करने का ही मौका मिलता है, लेकिन इस वर्ष शिव भक्तों को आठ सोमवारी करने का मौका मिलेगा. क्योंकि इस वर्ष का सावन माह 59 दिनों का होगा.
पहाड़ी मंदिर में सावन को लेकर तैयारी जोरो पर:चार जुलाई से शुरू होने वाले सावन माह को लेकर राजधानी के पहाड़ी मंदिर में भी तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी गई है. सावन महीने के सोमवारी में रांची के प्राचीन पहाड़ी मंदिर पर सुबह से शाम तक हजारों भक्तों का तांता लगा रहता है. इसलिए मंदिर प्रबंधन की तरफ से सावन के सोमवारी के दिन जल चढ़ाने वाले भक्तों की सुख सुविधा का ख्याल रखने के लिए पहाड़ी मंदिर विकास समिति और जिला प्रशासन के लोग तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं.
पहाड़ी मंदिर विकास समिति के कोषाध्यक्ष उत्तम कुमार बताते हैं कि मंदिर प्रबंधन की तरफ से सावन को लेकर पदाधिकारियों को सभी दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. मंदिर प्रबंधन की तरफ से बताया गया कि 4 जुलाई से पहले रंग-रोगन और साफ सफाई के काम को पूरा कर लिया जाएगा.
पुलिस के साथ मेडिकल टीम की होगी तैनाती: सोमवार के दिन आने वाले हजारों भक्तों के लिए बैरिकेडिंग लगाने की तैयारी अंतिम रूप में है. वहीं भक्तों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पुलिस की तैनाती और मंदिर प्रबंधन की तरफ से भी वॉलिंटियर्स की तैनाती की तैयारी की जा रही है. किन वॉलिंटियर्स को क्या जिम्मेदारी देनी है, इसे लेकर अभी बैठकों का दौर जारी है. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज से भी पूरे मंदिर परिसर में सुरक्षा को लेकर पैनी नजर रखी जाएगी.
सावन महीने के सोमवार को आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मेडिकल की टीम की भी तैनाती की जाएगी. ताकि यदि भीड़ की वजह से किसी की तबीयत खराब हो तो उन्हें तुरंत ही चिकित्सीय सुविधा मिल सके.
अरघा सिस्टम से भक्त कर पाएंगे जलाभिषेक:मंदिर प्रबंधन की तरफ से उत्तम कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले की तरह इस वर्ष भी भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग पर श्रद्धालु अरघा सिस्टम के माध्यम से जल अर्पित कर पाएंगे. क्योंकि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अरघा सिस्टम को ही बेहतर माना जा रहा है.
दान दक्षिणा देने के लिए डिजिटलाइज्ड व्यवस्था:मंदिर प्रबंधन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष पहली बार पहाड़ी मंदिर प्रबंधन की तरफ से डिजिटलाइज तरीके से दान दक्षिणा लिया जाएगा. पुरानी व्यवस्था के साथ-साथ क्यूआर कोड को लोग स्कैन कर दक्षिणा दे सकते हैं.
शिव भक्तों को सावन का बेसब्री से इंतजार:वहीं मंदिर में आने वाले भक्तों को भी इस वर्ष के सावन का बेसब्री से इंतजार है. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने कहा कि पहाड़ी मंदिर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है. यहां पर मौजूद भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को सीधा आशीर्वाद देते हैं. इसलिए सावन महीने में लाखों लोग आकर पहाड़ी मंदिर में भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लेते हैं. भक्तों ने कहा कि मंदिर प्रबंधन की तरफ से की रही तैयारी को देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि इस बार के सावन में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.