रांचीः आम तौर पर चुनाव के वक्त ईवीएम में खराबी की शिकायतें आती रहती हैं. जिससे निजात दिलाने के लिए चुनाव आयोग ने पहले से ही तैयारी में जुट गई है. अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के द्वारा शनिवार को ईवीएम की तकनीकी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.
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रांची के एटीआई सभागार में चुनाव को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम में रांची, खूंटी, धनबाद सहित राज्यभर के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी, उपनिर्वाचन पदाधिकारी और एफएलसी सुपरवाइजर शामिल हुए. इस मौके पर भारत निर्वाचन आयोग के सचिव मधुसूदन गुप्ता ने ईवीएम की जानकारी देते हुए अगले वर्ष होनेवाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने को कहा. इस मौके पर ईवीएम बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी ईसीआईएल के विशेषज्ञ कृष्णा त्रिपाठी सहित अन्य लोगों ने तकनीकी जानकारी दी.
ईवीएम की छेड़छाड़ करते ही बंद हो जायेगी मशीनः चुनाव के दौरान या उससे पहले ईवीएम में छेड़छाड़ करने पर यह मशीन बंद हो जायेगी. एम-3 नाम से यह ईवीएम अगले लोकसभा चुनाव में लगाया जायेगा. यह ईवीएम मशीन हाईटेक सिस्टम से युक्त है जो वन टाइम प्रोग्रामेबल है इसमें किसी तरह का साफ्टवेयर नहीं दिया जाता है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि ईवीएम में ना तो किसी तरह की छेड़छाड़ की जा सकती है और ना ही कोई सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है.
जिला निर्वाचन पदाधिकारी और एफएलसी सुपरवाइजर की मीटिंग के बाद जिला स्तर पर निर्वाचन कर्मियों को ईवीएम के बारे में जानकारी दी जाएगी जिससे किसी तरह की शिकायतें चुनाव के वक्त ना हो. उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के दरमियान झारखंड सहित देशभर में M3 मशीन का प्रयोग किया जाएगा. 2019 के चुनाव में M2 और M3 मशीन का प्रयोग किया गया था. हर 15 वर्ष के बाद ईवीएम मशीन को नष्ट कर दिया जाता है.झारखंड में ईवीएम की M2 मशीन कुछ हैं जिनका प्रयोग नहीं किया जायेगा.