रांचीः राजधानी में गर्मी की शुरुआत के पहले ही आग लगने की घटनाएं लगतार हो रही हैं. पिछले 15 दिन में 5 जगहों पर आग लगने की वजह से लाखों का नुकसान हुआ है. अगलगी की घटनाएं वैसे इलाकों में ज्यादा हुई है जहां गलियां संकरी हैं. वहां अग्निशमन विभाग का वाहन पहुंचता उससे पहले ही लाखों की संपत्ति जलकर स्वाहा हो गई. गर्मी के पहले ही अगलगी की घटनाओं को देखते हुए अग्निशमन विभाग ने आम लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है, साथ ही जरूरी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.
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लगातार हो रही अगलगी की घटनाएंः पिछले 15 दिन के भीतर रांची के कांके रोड, मोरहाबादी, बरियातू, हटिया स्टेशन और कचहरी में अगलगी की घटनाओं से आम लोग दहशत में हैं. कांके रोड में आग लगने की वजह से अर्बन हाट के लाखों के पाइप जलकर स्वाहा हो गया. हटिया स्टेशन पर स्थित स्टेट बैंक के एटीएम में आग लगने की वजह से लाखों रुपए जलकर नष्ट हो गए. रांची के कचहरी चौक स्थित भारतीय स्टेट बैंक के पांचवें माले में लगी आग से पूरा एचआर डिपार्टमेंट जलकर स्वाहा हो गया.
वहीं रांची के मोरहाबादी और बरियातू में दो अपार्टमेंट के फ्लैट में आग लगने की वजह से लाखों के सामान जलकर राख हो गया. यह सभी घटनाएं मात्र 15 दिन के भीतर घटी हैं. हाल की घटनाएं इंगित कर रही हैं कि गर्मी शुरू होते ही राजधानी में आग का खतरा मंडराने लगा है. सबसे खतरे की बात तो यह है कि जिन जिन इलाकों में आग लगी. वहां फायर सेफ्टी इंतजाम बेहतर नहीं थे, जिसकी वजह से शुरुआत में आग को काबू नहीं किया जा सका और लाखों का नुकसान हुआ.
2021 में अगलगी से 2.29 करोड़ का नुकसानः अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मार्च महीने से अगलगी की वारदातें बढ़ने लगती हैं. साल 2021 के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी में कुल 102 अगलगी की घटनाएं हुई थीं. इनमें से तीन आग की घटनाएं बहुत बड़ी थी, इसमें अग्निशमन विभाग के विशेष सेवा दल को आग बुझाने के लिए मैदान में उतरना पड़ा था. साल 2021 में आंकड़ों के अनुसार शहरी इलाके में 62 अगलगी की घटनाएं हुई थी जबकि गांव में 40 अगलगी की घटनाएं सामने आई थी.
अग्निशमन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार 102 अगलगी की वारदातों में कुल 2 करोड़ 29 लाख रुपये का नुकसान हुआ था. साल 2021 में मार्च महीने में सबसे ज्यादा 27 आग की घटनाएं सामने आई थीं. हालांकि सबसे राहत की बात यह है कि इन घटनाओं में किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई थी. साल 2020 में राजधानी में 85 आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं, इसमें 13 करोड़ का नुकसान हुआ था. जबकि अग्निशमन विभाग के सतर्क रहने की वजह से 3 करोड़ से अधिक की संपत्ति बचा ली गई थी. साल 2020 में सबसे ज्यादा नवंबर महीने में कुल 16 अगलगी की घटनाएं सामने आई थी. जबकि मार्च और अप्रैल महीने में भी 18 अगलगी की घटनाएं सामने आई थीं.
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2022 में अब तक 24 घटनाएंः साल 2022 के शुरुआत से लेकर अब तक राजधानी रांची में 24 आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. जिसमें चार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, सबसे ज्यादा नुकसान स्टेट बैंक को हुआ है. इसी महीने रांची के कचहरी चौक स्थित स्टेट बैंक के एचआर सेक्शन में लगी आग से पूरा डिपार्टमेंट ही जलकर राख हो गया था. वहीं अप्रैल महीने में ही हटिया स्टेशन स्थित स्टेट बैंक के एटीएम में आग लगने की वजह से लाखों रुपए जलकर स्वाहा हो गए.
लोगों से सचेत रहने की अपीलः झारखंड अग्निशमन विभाग की मानें तो आम लोगों को भी सचेत रहना होगा, वैसे अग्निशमन विभाग के भरोसे नहीं रह सकते हैं. जरूरत है कि हर व्यापारिक प्रतिष्ठान और घर में फायर सेफ्टी के इंतजाम होने चाहिए ताकि आग को शुरुआत में काबू पाया जा सके. अगर फायर सेफ्टी के इंतजाम आम लोगों के पास होंगे तो वो शुरुआत में आग पर काबू पाने की कोशिश करेंगे, तब तक अग्निशमन विभाग का दस्ता भी मौके पर पहुंच जाएगा, जिससे नुकसान बहुत कम होगा. गर्मी के दिनों में जब भी घर को बंद कर कहीं बाहर निकलना हो तो बिजली के उपकरणों को बंद कर दें, दुकानें बंद करने से पहले भी कोशिश करनी चाहिए कि सभी बिजली के उपकरण ऑफ मोड में कर दिया जाए.
फायर कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर्स जारीः स्टेट फायर ऑफिसर गोपाल यादव की मानें तो लगातार हो रही अगलगी की वारदातों को देखते हुए कंट्रोल रूम के चार नंबर आम लोगों के लिए जारी किए गए हैं ताकि वह सही समय पर सूचना दे सके. आग लगने पर 100 नंबर डायल करने के अलावा इन नंबर्स पर भी संपर्क करें. फायर कंट्रोल रूम डोरंडा- 9304953404, फायर कंट्रोल ऑड्रे हाउस- 9304953406, फायर कंट्रोल पिस्का मोड़- 9304953405, फायर कंट्रोल धुर्वा- 9304953407, फायर कंट्रोल सीटीआई धुर्वा- 9304953408, इन नंबर्स पर आग सूचना दी जा सकती है.
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नियम की अनदेखी कर हुए निर्माण से बढ़ा खतराः राजधानी रांची के दिनों दिन बढ़ती आबादी और नियमों को दरकिनार कर शहर की तंग गलियों में बहुमंजिला इमारत के निर्माण ने आम लोगों को खतरे में डाल दिया है. राजधानी रांची के तंग गलियों में कई जगह बड़ी बड़ी बिल्डिंग में बना दी गई हैं. अगर वहां आग लग गई तो फिर किसी भी तरह का फायर फाइटिंग सिस्टम वहां काम नहीं करेगा. नतीजा अगर इस तरह की वारदात हो जाती है तो बड़ा हादसा हो सकता है. हालांकि इस मामले को लेकर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. यहां तक कि वह दुकानदार भी जिनके व्यापारिक प्रतिष्ठान आग के मुहाने पर खड़े हैं वो भी इसको लेकर अंजान बन रहे हैं.
अपर बाजार की हालात सबसे चिंताजनकः राजधानी रांची के सबसे बड़े व्यापार के केंद्र अपर बाजार सबसे खतरनाक स्थिति में है. इस इलाके में प्रतिदिन 10 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है. लेकिन कभी यहां अगर आग लगने की घटनाएं हो जाए तो तंग गलियों में दमकल नहीं पहुंच सकेगी. उस दौरान आग लगी जो नुकसान होगा उसका अनुमान लगाने भर से ही कई लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है.