झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

झारखंड में क्विनोआ और सेलरी की खेती का पायलट प्रोजेक्ट, कृषि निदेशालय ने बजट में वित्तीय प्रावधान करने का किया आग्रह

झारखंड में क्विनोआ और सेलरी की खेती का पायलट प्रोजेक्ट शुरु होगा. झारखंड कृषि निदेशालय ने इसके लिए बजट में वित्तीय प्रावधान करने का आग्रह वित्त विभाग से किया है. किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न करने के लिए कृषि विभाग ने इसका ब्लू प्रिंट तैयार किया (Quinoa and Celery cultivation in Jharkhand) है.

Preparation for Quinoa and Celery cultivation Pilot project in Jharkhand
झारखंड में क्विनोआ और सेलरी की खेती का पायलट प्रोजेक्ट शुरु होगा

By

Published : Jan 19, 2023, 9:02 AM IST

निशा उरांव, निदेशक, कृषि निदेशालय

रांचीः झारखंड में किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. इसके लिए कृषि विभाग अन्नदाताओं को धान-गेंहू की परंपरागत खेती के साथ साथ बाजार में अधिक मूल्य पर बिकने वाली फसलों की खेती की ओर आकर्षित करने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. इस वर्ष बजट में भी इसके लिए वित्तीय प्रावधान किया जाएगा. इसके तहत क्विनोआ और सेलरी की खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- रेड लेडी पपीता बदल रहा किसानों की किस्मत, लाखों रुपये कमा रहे किसान

झारखंड कृषि निदेशालय ने राज्य में हेल्दी और सुपर फूड कहे जाने वाले क्विनोआ (QUINOA) और सेलरी (CELERY) की खेती के लिए पायलट प्रोजेक्ट के लिए बजट में वित्तीय प्रावधान करने का आग्रह वित्त विभाग से किया है. इसके अलावा वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष को देखते हुए राज्य में मिलेट जैसे ज्वार, बाजरा, मड़ूआ जैसे मोटे अनाज की खेती की ओर किसानों को प्रेरित करने की योजना कृषि निदेशालय ने तैयार की है ताकि झारखंड के किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी हो.

क्विनोआ और सेलरी के लिए झारखंड का मौसम उपयुक्तः आम लोगों में स्वास्थ्य के लिए आई जागरुकता के इस दौर में प्रोटीनयुक्त (09 एमिनो एसिड वाले) क्विनोआ और सलाद के रूप में इस्तेमाल होने वाला सेलरी की मांग विश्व स्तर पर काफी बढ़ी है, इनका बाजार मूल्य भी अच्छा है. झारखंड के संदर्भ में पॉजिटिव बात यह है कि इंडियन कॉउंसिल और एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) ने झारखंड में क्विनोआ और सेलरी की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु को मुफीद मानते हुए इसकी खेती को बढ़ावा दिए जाने की अनुशंसा की है. इसके बाद से ही कृषि विभाग और निदेशालय इन दोनों सुपर फूड की खेती का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए एक्टिव हुआ है.

500 से 1000 रुपये किलो तक बिकता है क्विनोआः 08-09 किस्म के एमिनो एसिड्स को खुद में समेटे प्रोटिनस वाले क्विनोआ जिसे कीनुआ भी कहते हैं, यह स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद बताया जा रहा है. इसमें एक ओर जहां फायदेमंद एमिनो एसिड्स बड़ी मात्रा में होते हैं तो दूसरी ओर इसमें हानिकारक ग्लूटेन नहीं होता है. प्रोटीन के साथ साथ इसमें विटामिंस और मिनरल भी भरपूर होता है. इसी तरह सेलरी का इस्तेमाल सलाद के रूप में होता है, इसमें विटामिन होता है और यह बाजार में 100-200 रुपये किलो तक बिकता है.

अन्नदाता सिर्फ धान की खेती पर ना रहें आश्रितः इस वर्ष सुखाड़ की भयावह स्थिति में धान की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ. इसके बाद कृषि विभाग ने योजना बनाई है कि किसान सिर्फ धान की खेती पर आश्रित ना रहें. कृषि निदेशालय की निदेशक निशा उरांव ने बताया कि राज्य में कुल 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती होती है, जिसमें से 18 लाख हेक्टेयर में सिर्फ धान की खेती किसान करते हैं. ऐसे में अगर कम बारिश की वजह से धान की खेती नष्ट हो जाती है तो किसान टूट जाता है. इसलिए फसल विविधीकरण पर जोर दिया जा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details