रांचीः कोरोना की वजह से लॉकडाउन और अनलॉक की प्रक्रिया के बीच झारखंड में राजभवन में परिवर्तन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. मौजूदा राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल 17 मई को समाप्त हो गया है. वहीं, दूसरी तरफ उनके 'स्पेसिफिक अवधि' विस्तार को लेकर भी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. ऐसे में मुर्मू के बाद नए नामों में बीजेपी के कद्दावर नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा समेत दो और लोगों के नाम की चर्चा जोरों पर है. वहीं, दूसरी तरफ मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो झा के नाम पर पार्टी विचार कर रही है. उनके अलावा बीजेपी नेता और पूर्व रास सांसद आरके सिन्हा और एक पूर्व नौकरशाह के नाम की चर्चा भी जोरों पर है.
प्रभात झा क्यों हो सकते हैं विकल्प
दरअसल, प्रभात झा का नाम बीजेपी के वैसे नेताओं में शुमार है, जो कड़े फैसले लेने में पीछे नहीं हटते. इसके साथ ही बेबाक टिप्पणी और स्पष्टवादिता की वजह से उन्हें ज्यादा जाना जाता है. ऐसे में झारखंड में जब राज्य पर नियंत्रण झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महागठबंधन का है, तब राजभवन में केंद्र सरकार एक ऐसे विकल्प पर विचार कर रही है, जो जरूरत पड़ने पर कड़े फैसले ले सके. वह भी तब जब डोमिसाइल, सीएनटी और एसपीटी एक्ट, रोजगार जैसे मुद्दे प्रदेश में तेजी से उभर रहे हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार इनको लेकर नियम कानून बनाने का मन बना रही है. इन परिस्थितियों में राजभवन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी. बीजेपी सूत्रों की मानें तो इन परिस्थितियों को हैंडल करने के लिए एक मजबूत चेहरे का राजभवन में होना जरूरी है.