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रांची में 40 हजार शिक्षकों के पद खाली, स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने सीएम को दी जानकारी - Posts of 40 thousand teachers vacant in ranchi

राजधानी में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने सीएम को शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्कूल तक शिक्षकों के लिए लगभग 40 हजार पद खाली है. वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन के कार्य में परेशानी हो रही है.

lack of teachers
शिक्षकों की कमी

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Published : Dec 28, 2020, 1:43 PM IST

रांची: स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर खाली पदों के साथ-साथ में स्वीकृत होने वाले पदों की जानकारी सीएम को दी गई है. इसे लेकर एक प्रस्ताव भी भेजा गया है.

राजधानी में प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्कूल तक शिक्षकों के लिए लगभग 40 हजार पद खाली हैं. जिसमें पहली से आठवीं कक्षा और हाई प्लस 2 स्कूलों में भी काफी पद रिक्त हैं. वहीं, प्रारंभिक स्कूलों में इंटर प्रशिक्षित शिक्षक के लिए भी पद स्वीकृत किए गए हैं. इसकी जानकारी सीएम हेमंत सोरेन को दी गई.

वर्तमान में राज्य में 35 हजार 517 शिक्षक ही कार्यरत हैं. इसमें 17 हजार 835 पद खाली हैं. स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के पद भी स्वीकृत हैं. 10 हजार 783 पद में 5 हजार 889 शिक्षक ही कार्यरत हैं. फिलहाल झारखंड में विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की भारी कमी है और नए साल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर पहल की जा सकती है.

एक लाख से अधिक अभ्यर्थी टेट उत्तीर्ण हैं, उन अभ्यर्थियों को भी शिक्षक नियुक्ति में प्राथमिकता दी जा सकती है. प्राथमिक स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों की भारी कमी है. इस कमी को दूर करने के लिए ही स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने इसकी जानकारी सीएम को जानकारी दी है.

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इधर, स्कूल खोलने के बावजूद स्कूलों में शिक्षकों की कमी देखी जा रही है. जानकारी मिल रही है कि 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए जो शिक्षक कार्यरत हैं. उनमें ऐसे सैकड़ों शिक्षक हैं जो अभी भी कोविड-19 ड्यूटी में हैं और यह शिक्षक फिलहाल स्कूल नहीं आ रहे हैं. जिससे आने वाली बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराने में स्कूल प्रबंधन को परेशानी हो रही है. राज्य के 10वीं और 12वीं की पढ़ाई कराने वाले कई स्कूलों ने इसे लेकर जिला शिक्षा कार्यालय में जानकारी भी दी है और उन्होंने कहा है कि जल्द से जल्द कोविड-19 ड्यूटी में जुटे शिक्षकों को मुक्त किया जाए और उन्हें पठन-पाठन के कार्य में लगाया जाए.

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