रांची: स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति मामले (Postgraduate Trained Teacher Appointment Case)में एक सत्र में दो डिग्री लेने के कारण प्रार्थी को अंतिम रूप से चयनित नहीं करने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (jharkhand high court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग से पूछा कि अगर कोई व्यक्ति एक सत्र में 2 डिग्री प्राप्त करता है, तो वह नौकरी के लिए क्यों नहीं पात्र है. अदालत ने इस पर 5 जुलाई से पूर्व शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य रमन ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति मामले में एक सत्र में 2 डिग्री हासिल करने के कारण प्रार्थी का अंतिम रूप से चयन नहीं किए जाने को लेकर हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में अंतिम रूप से चयनित नहीं किया गया. उनके मुवक्किल ने सरकार से इसके बारे में जानकारी मांगी तो बताया गया कि उन्होंने एक सत्र में 2 डिग्री हासिल किया है. इसलिए उनका अंतिम रूप से चयन नहीं किया गया.