रांची: रक्षाबंधन (festival of Rakshabandhan) भाई-बहन के प्रेम का त्योहार है. बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं और उनसे सुरक्षा का वचन लेती हैं. कई बार कुछ कारणों की वजह से बहनें अपने भाइयों के पास नहीं पहुंच पाती हैं. लेकिन वो पूरी कोशिश करती हैं कि उनका प्रेम राखी के रूप में उनके भाइयों तक पहुंच जाए. बहनों के इस संदेश को भाइयों तक पहुंचाने में मदद करती है भारतीय डाक सेवा.
रक्षाबंधन का त्योहार मनाने में डाक विभाग की रही अहम भूमिका, 1लाख 56 हजार राखियों को भाइयों के पास पहुंचाया - रांची न्यूज
festival of Rakshabandhan मनाने में डाक विभाग महत्वपूर्ण भूमिका होती है. पोस्टमैन और कर्मचारी इस कोशिश में जी जान से जुटे रहते हैं कि बहनों द्वारा भेजी गई राखी भाइयों तक हर हाल में समय से पहुंच जाए.
इस बार भी डाक सेवा के जरिए कई बहनों ने अपने भाई के पास राखी भेजी. माध्यम से ज्यादातर बहनों ने भाई तक राखी भेजने का काम किया. डाक विभाग के अधिकारी बताते हैं कि भारतीय डाक सेवा ने हमेशा ही लोगों की भावनाओं का सम्मान किया है. इसी को देखते हुए इस वर्ष एक लाख 56 हजार राखी रांची पहुंचे हैं और डाक विभाग (Postal department) में लगे कर्मचारी और डाकिया लगातार लोगों के घरों में राखी पहुंचाने का काम किया. उन्होंने बताया कि मोहर्रम और रविवार जैसे छुट्टी के समय में भी डाकिया लोगों के घरों तक राखी पहुंचाने का काम कर रहे थे. वहीं पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश में भी अपनी चिंता किए बगैर सभी डाकिया राखी की डिलीवरी में लगे थे जो कि निश्चित रूप से भारतीय डाक सेवा (Postal department) की बेहतर कार्य को दिखाता है.
वहीं उन्होंने बताया कि इस वर्ष की राखी में ज्यादातर लोग डाक सेवा के माध्यम से राखी पहुंचाने का काम कर रहे हैं. आंकड़ों को देखें तो यह स्पष्ट पता चलता है कि भारी बारिश और आर्थिक संकट की वजह से स्पीड पोस्ट, निबंधित पोस्ट और साधारण पत्र के माध्यम से कहीं ना कहीं लोगों ने डाक सेवा का सहारा लिया है. अधिकारी ने बताया कि राखी को देखते हुए 47 हजार राखी स्पेशल लिफाफे बनाए गए थे, जो 10 अगस्त तक पूरी तरह से बिक गए. इससे भी पता चलता है कि लोग डाक के माध्यम से राखी भेजने का काम कर रहे हैं.