रांची: कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को धाराशाही कर दिया है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि राज्य में हो रही मौतों की तस्वीरे बता रहीं हैं. राजधानी के प्रोजेक्ट भवन में सेल टैक्स के डिप्टी कमिश्नर के रूप में कार्यरत रजनीश सामध रविवार को कोरोना संक्रमित होने के बाद कटहल मोर स्थित रिंची अस्पताल में एडमिट हुए. जब उन्हें एडमिट किया गया था, उस वक्त वह अपने पैरों पर चलकर अस्पताल में भर्ती हुए थे और सोमवार को उनकी मौत हो गई.
लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने ली कोरोना मरीज की जान, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप - Bad health system in Ranchi
राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में कोरोना का प्रकोप एक बार फिर जारी है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को धाराशाही कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था ने रांची में एक अधिकारी की जान ले ली.
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घंटों करना पड़ा एंबुलेंस का इंतजार
कोरोना और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था ने रजनीश सामध को एक दिन में ही इतना बीमार कर दिया कि सोमवार को रिम्स पहुंचते-पहुंचते उन्होंने अपनी जान गंवा दी. रजनीश सामध के परिजन बताते हैं कि रविवार को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें राजधानी के रिंची अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्टेड बेड पर भर्ती कराया गया, लेकिन सोमवार की सुबह स्थिति बिगड़ने के बाद रिंची अस्पताल के प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए. इसके बाद मजबूरन रिम्स आना पड़ा, लेकिन रिम्स आने के लिए वेंटिलेटर सपोर्टेड एंबुलेंस का इंतजाम करने में घंटों लग गया, जिससे रजनीश सामध की तबीयत बिगड़ती चली गई और रिम्स पहुंचते-पहुंचते उनकी मौत हो गई.
लाचार सिस्टम से हुई मौत
परिजन बताते हैं कि मौत का कारण कोरोना कम है, ज्यादा लाचार सिस्टम है. अगर समय पर एंबुलेंस मुहैया कराई जाती तो शायद आज वह जिंदा होते. बता दें कि रजनीश सामध झारखंड सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी थे. रांची के प्रोजेक्ट भवन में सेल टैक्स के डिप्टी कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे. इसके बावजूद भी सरकारी सिस्टम मदद नहीं कर पाई, जो साफ दर्शाता है कि जब झारखंड सरकार के अधिकारी को ही सुविधा नहीं मिल पाई तो आम लोगों की क्या हालत होती होगी.