रांचीःवैक्सीन पर पॉलिटिक्स (POLITICS ON VACCINE) देश में रुकने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर कोविड-19 वैक्सीन पर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नेता और राज्यों में सरकार चला रहे दूसरे दलों के नेता आमने-सामने आ गए हैं. इस बार वैक्सीन पर सियासी बढ़त लेने के लिए बिहार से भाजपा सांसद सुशील मोदी और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा(JMM) के नेतृत्व में गठबंधन सरकार चला रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सियासी मोर्चेबंदी की है. सबसे पहले सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर पर अपने ट्विटर हैंडल से भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पिछले दिनों जारी एक रिपोर्ट के हवाले से बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने ताना मारा. अपने ट्विटर हैंडल से बुधवार को बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जिस झारखंड के मुख्यमंत्री ने अमर्यादित टिप्पणी की थी, वहां वैक्सीन की बर्बादी सबसे ज्यादा 37 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा था कि यहां हर तीसरी वैक्सीन बर्बाद हो रही है. इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर पलटवार किया है और भाजपा को हताश करार दिया है.
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सुशील मोदी ने क्या कहा था ट्विटर पर
बिहार से भाजपा सांसद सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था कि जिस झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद अमर्यादित टिप्पणी की थी, वहां कोविड-19 वैक्सीन की बर्बादी सबसे ज्यादा 37.3 फीसद हो रही है, जो राष्ट्रीय औसत 6.3 फीसदी से कई गुना अधिक है. इसके बाद वैक्सीन की बर्बादी करने में छत्तीसगढ़ 30.2 फीसदी और मध्य प्रदेश 10.7 फीसदी का नाम आता है. भाजपा सांसद सुशील मोदी ने यह भी कहा था कि बिहार में टीकाकरण का बेहतर प्रबंधन हो रहा है, जबकि झारखंड में हर तीसरी वैक्सीन किसी के काम आने के बजाय बेकार हो रही है.