रांची:संविदा पर नियुक्त राज्य के सहायक पुलिसकर्मी 27 सितंबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. 15 दिनों से लगातार मोरहाबादी मैदान में कोई तंबू में तो कोई खुले आसमान में रहकर अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. इन सहायक पुलिसकर्मियों से अब तक सत्तापक्ष का कोई नेता मिलने तक नहीं पहुंचा है. विपक्ष जरूर इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए मुखर है. इसके बाबजूद सरकार की ओर से इनकी मांगों को लेकर अब तक कोई वार्ता या पहल नहीं की गई है.
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सहायक पुलिसकर्मियों की मांग पर राजनीति तेज
आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों की मांग पर राजनीति तेज हो गई है. सोमवार को भाजपा शिष्टमंडल ने राज्यपाल से मिलकर सहायक पुलिसकर्मियों की मांग पर हस्तक्षेप करने का आग्रह कर सियासी चाल चलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सत्तारूढ़ झामुमो, कांग्रेस और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना के वक्त भी ये जवान वॉरियर का काम कर नक्सल क्षेत्र में काम किया लेकिन सरकार इनकी सेवा को भूल गई. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि मौनी बाबा बनने की बजाय पुलिसकर्मियों की मांग को रखने के लिए सीएम आवास जाना चाहिए न कि राजभवन के समक्ष लखीमपुर को लेकर मौन धारण करने का नाटक.