रांचीःझारखंड में नवगठित ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (Tribal Advisory Council) को लेकर राजनीति गरमा गई है. सोमवार को काउंसिल की होने वाली बैठक का बीजेपी के मनोनीत विधायकों ने बहिष्कार किया हैं. टीएसी की बैठक से ठीक पहले प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें काउंसिल की बैठक से अलग रहने का निर्णय लिया गया. बीजेपी के इस फैसले के बाद से टीएसी पर राजनीति (Politics on TAC) और तेज हो गई है.
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश (State BJP President Deepak Prakash) की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी कोटे से टीएसी में चयनित तीनों विधायक बाबूलाल मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा और कोचे मुंडा शामिल हुए.
क्या कहते हैं बीजेपी और जेएमएम नेता नवगठित टीएसी असंवैधानिक
बैठक की जानकारी देते हुए विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि नवगठित ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (Tribal Advisory Council) असंवैधानिक है. काउंसिल की बैठक का पार्टी के विधायकों ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार संविधान को दरकिनार कर पांचवी अनुसूचि को अपने तरीके से परिभाषित करना चाहती है.
आदिवासी को बनाया जाए चेयरमैन
उन्होंने कहा कि टीएसी के पदेन चेयरमैन मुख्यमंत्री होते हैं, लेकिन झारखंड की स्थिति और परिस्थिति को देखते हुए चेयरमैन किसी ट्राइबल को बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक आदिवासी का प्रतिनिधित्व नहीं होगा, तब तक विकास संभव नहीं है.
टीएसी का शुरू से किया विरोध
बाबूलाल ने टीएसी में किसी ट्राइबल महिला को मनोनीत सदस्य नहीं बनाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बीजेपी का नजरिया स्पष्ट है और उनकी पार्टी नवगठित ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल का विरोध करती है. इसको लेकर पिछले दिनों राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन भी सौंपा है.
झामुमो ने बीजेपी पर साधा निशाना
जएमएम के प्रदेश प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि टीएसी एक संवैधानिक संस्था है, जहां आदिवासी हितों की बात होती है. उन्होंने कहा कि टीएसी में बीजेपी के मनोनीत सदस्यों को बैठक में शामिल होने की इच्छा होगी, लेकिन आलाकमान के आदेश को पालन करने के लिए वे बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं. उन्होंने बाबूलाल मरांडी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी आलाकमान के आदेशपाल हैं.
क्या कहते हैं जेएमएम नेता टीएसी बैठक के बहिष्कार का जेएमएम ने किया निंदा
झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी मानसिक अवसाद से गुजर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी भूल गये की राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासी हैं. बीजेपी की ओर से टीएसी की बैठक को बहिष्कार करना अशोभनीय और निंदनीय हैं.
22 जून को हुआ टीएसी का गठन
झारखंड सरकार ने टीएसी का गठन 22 जून 2021 को किया. इस काउंसिल के सीएम हेमंत सोरेन पदेन अध्यक्ष और विभागीय मंत्री चंपई सोरेन को पदेन उपाध्यक्ष बनाया गया है. 19 सदस्यीय काउंसिल में मुख्यमंत्री, मंत्री के साथ साथ 17 विधायक और दो मनोनीत सदस्य हैं. इसमें तीन विधायक बीजेपी के हैं, जिसमें बाबूलाल मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा और कोचे मुंडा शामिल हैं.