रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने कैबिनेट से झारखंड आंदोलनकारी परिवार के एक परिजन को नौकरी देने के प्रस्ताव को सहमति प्रदान की है. झारखंड सरकार के इस फैसले को कोई सरकार का आईवॉश करार दे रहा है तो कोई इसे झारखंड राज्य निर्माण के लिए हुए आंदोलनकारियों के प्रति सरकार का सम्मान कह रहा है. इस संबंध में पूर्व ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो ने कहा कि आंदोलनकारियों को चिन्हित करने का काम पूरा किए बगैर आंदोलनकारी परिवार को आरक्षण देने के फैसले का वही हाल होगा जैसा हेमंत सरकार की अन्य घोषणाओं का हुआ है. वहीं कांग्रेस और झामुमो के नेताओं ने कहा कि आंदोलनकारियों की पहचान करने का काम जारी है और पेंशन भी मिल रही है.
झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग का चार साल में काम नहीं हुआ है पूरा- लालचंद महतोःझारखंड के पूर्व ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो ने कहा कि चार साल हो गए पर झारखंड राज्य आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग ने अभी तक आंदोलनकारियों की पहचान का कार्य पूरा नहीं किया है. ऐसे में हेमंत सरकार द्वारा आंदोलनकारी परिवार के एक सदस्य को एक बार तृतीय या चतुर्थ श्रेणी की नौकरी में 05% क्षैतिज आरक्षण का कैबिनेट का फैसला कितना कारगर होगा यह एक बड़ा सवाल है.
बगैर भेदभाव के हो आंदोलनकारियों को चिन्हित करने का काम-भाजपाः सरकार द्वारा आंदोलनकारी परिवार के एक सदस्य के लिए 5% आरक्षण के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा के सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि यहां तो चिन्हितिकरण के काम में ही भेदभाव किया जा रहा है और झामुमो के कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने की कोशिश हो रही है.
जारी है राज्य के आंदोलनकारियों को चिन्हित करने का काम, सभी को मिलेगा सम्मान-झामुमोः राज्य में झारखंड आंदोलनकारी परिवार के एक सदस्य को नौकरी में 05% क्षैतिज आरक्षण के फैसले का स्वागत करते हुए झामुमो और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि हर दिन आयोग आंदोलनकारियों की पहचान करने में लगा है. यह प्रक्रिया जारी है और सभी को इसका लाभ मिलेगा.