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डीवीसी की बिजली कटौती पर राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने, एक दूसरे पर लगा रहे आरोप - BJP state spokesperson Pradeep Sinha

डीवीसी के घोषित शेड्यूल के तहत बिजली कटौती को लेकर राजनीति सरगर्मी भी तेज हो गई है. इसे लेकर पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इसी क्रम में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने हेमंत सरकार को लापरवाह बताया है. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने केंद्र की सरकार भाजपा पर आरोप लगाया है.

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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता

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Published : Jan 6, 2021, 1:09 PM IST

रांची:डीवीसी के घोषित शेड्यूल के तहत बिजली कटौती को लेकर राजनीति तेज हो गई है. डीवीसी कमांड एरिया में 50 प्रतिशत बिजली की कटौती की जा रही है. ऐसे में सत्ताधारी दल और विपक्ष बिजली कटौती के मामले पर आमने सामने आ गए हैं. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने भी इसे लेकर हेमंत सरकार को घेर रही है. इस क्रम में भाजपा ने कहा किस्तों में ही सही, लेकिन बकाया भुगतान करना चाहिए, जबकि सत्ताधारी दल कांग्रेस का मानना है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां गैर भाजपा शासित राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रहीं हैं.

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कब तक पिछली सरकार पर लगाएंगें आरोप
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने डीवीसी बिजली कटौती मामले को लेकर कहा कि जब 5,500 करोड़ का बकाया है, तो किसी भी कंपनी को इसे चलाने में सहूलियत नहीं होगी. ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि किस्तों में ही सही, लेकिन भुगतान करे, लेकिन सरकार सिर्फ पिछली सरकार पर जवाबदेही डालकर बचना चाहती है. उन्होंने कहा कि 1 साल बीत गया है. ऐसे में पिछली सरकार पर कितना आरोप लगाएंगे. सिर्फ राजनीति के लिए केंद्र के पाले में गेंद डाल देना कहीं से उचित नहीं है.

केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां कर रहीं परेशान

वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बार-बार झारखंड की जनता को प्रताड़ित करने का काम केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां कर रहीं हैं. कहीं न कहीं यह झारखंड विरोधी कदम है. उन्होंने कहा कि गैर भाजपा शासित प्रदेशों की जनता के साथ लगातार ऐसी हरकतें कर रहे हैं और ये बीजेपी की नीति और नियत में खोट को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि झारखंड की तुलना में उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में बिजली का ज्यादा बकाया है, लेकिन वहां इस तरह की कमांड एरिया में बिजली की कटौती नहीं हो रही है. कहीं न कहीं बीजेपी सरकारी एजेंसियों के माध्यम से राज्य की जनता के साथ राजनीतिक ब्लैकमेल करना चाहती है.

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