झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के बयान से गरमाई राजनीति, बीजेपी ने कहा- राज्यपाल पर टिप्पणी कर लोकतंत्र को किया गया तार तार - स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के बयान से राजनीति गरमा गई है. राज्यपाल पर की गई टिप्पणी पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पूर्व स्पीकर और बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल या राष्ट्रपति के ऊपर टिप्पणी करना ठीक नहीं है.

Jharkhand Assembly Speaker
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के बयान से गरमाई राजनीति

By

Published : Sep 5, 2022, 9:47 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र कई मायनों में अहम रहा. सदन काफी हंगामेदार रहा. सदन के अंदर और बाहर राज्यपाल की भूमिका पर सत्तारूढ़ दलों की ओर से तीखी टिप्पणी की गई. सदन के अंदर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राज्यपाल पर तीखी टिप्पणी की. इसके साथ ही सदन के बाहर विधानसभा अध्यक्ष रबिंद्रनाथ महतो ने राजभवन को लाट साबह कहते हुए टिप्पणी की है.

यह भी पढ़ेंःझारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन सरकार ने जीता विश्वास मत, BJP-AJSU का बहिष्कार


राज्यपाल पर की गई टिप्पणी पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पूर्व स्पीकर और बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल या राष्ट्रपति के ऊपर टिप्पणी करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड की सत्ता में बैठे लोग सबको अपना एक तरह से दुश्मन मानते हैं, जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है. महामहिम राज्यपाल का अपना एक अलग महत्व होता है. लेकिन राज्यपाल पर प्रश्न खड़ा करेंगे तो लोकतंत्र बचेगा कैसे. यह लोग लोकतंत्र को तार-तार करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि देश का विपक्षी दल संवैधानिक संस्थाओं पर बयानबाजी कर भड़ास निकालते हैं. स्पीकर द्वारा लाट साहब का संबोधन की जरूरत क्या है. इतनी समझदारी तो होना चाहिए.


सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले और सदन की कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायक सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते रहे. इन सबके बीच सदन की कार्यवाही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम 11 बजे शुरू हुई. सदन शुरू होने से ठीक पहले यूपीए विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा पहुंचे. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा विश्वास प्रस्ताव सदन में लाया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सदन के अंदर और बाहर अपनी ताकत दिखा रहे हैं. विश्वास प्रस्ताव के विरोध में बोलते हुए भाजपा नेता नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि हत्या, लूट और विधि व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. वहीं, विधायक प्रदीप यादव ने विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा की जनता ने चार उपचुनाव में भाजपा को लताड़ा है. माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग की वजह से चुनी हुई सरकार को भी भागना पड़ रहा है. इन सबके बीच सदन में सरयू राय ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसके औचित्य पर सवाल खड़ा किये. उन्होंने कहा कि सरकार विश्वास प्रस्ताव क्यों लाई है यह बतानी चाहिए. सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री भ्रष्ट हैं.

सरयू राय की टिप्पणी पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता तिलमिला उठे और स्पीकर से अवमानना की कार्रवाई प्रारंभ करने का आग्रह किया. हालांकि बन्ना गुप्ता की मांग को स्पीकर ने अनसुनी कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव पर सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. बीजेपी नेताओं पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के बहाने देश का तिरंगा बेचने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण बढ़ाने और स्थानीय नीति पर सरकार काम कर रही है और जल्द ही प्रस्ताव पर मंजूरी देंगे. सुखाड़ पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार काम कर रही है. किसान हित में सरकार पीछे नहीं हटने वाली है. विश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में अपनी सरकार की ताकत का एहसास कराने की बात कही. मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद मत विभाजन सदन में हुआ. इस दौरान विपक्ष के साथ विधायक सरयू राय, अमित यादव एवं अन्य विधायक सदन से वाक आउट कर गये. हालांकि एनसीपी के विधायक कमलेश सिंह सरकार के साथ दिखे. मत विभाजन में 47 विधायक ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया और एक मत स्पीकर की ओर से दी गई. इस तरह से विश्वास मत के पक्ष में 48 मत पड़े और विरोध में विपक्ष के वाक ऑउट की वजह से एक भी मत नहीं प्राप्त हुआ.

ABOUT THE AUTHOR

...view details